इंडियन प्रीमियर लीग: Difference between revisions

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आईपीएल 2014 में कुल पुरस्कार राशि 40 करोड़ रुपये थी। विजेता टीम को 15 करोड़ रुपये मिले। 2015 में पुरस्कार राशि 34 करोड़ रुपये थी, जिसमें विजेता टीम को 15 करोड़ रुपये, उपविजेता को 10 करोड़ रुपये, तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को पांच करोड़ रुपये व चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को चार करोड़ रुपये मिले। आईपीएल 2017 की पुरस्कार राशि बढ़ाई गई। विजेता को 20 करोड़ रुपये, उपविजेता को 11 करोड़ रुपये मिले। तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 7.5 करोड़ रुपये व चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को 2.5 करोड़ रुपये मिले।<ref name="SPSG"/>  
आईपीएल 2014 में कुल पुरस्कार राशि 40 करोड़ रुपये थी। विजेता टीम को 15 करोड़ रुपये मिले। 2015 में पुरस्कार राशि 34 करोड़ रुपये थी, जिसमें विजेता टीम को 15 करोड़ रुपये, उपविजेता को 10 करोड़ रुपये, तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को पांच करोड़ रुपये व चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को चार करोड़ रुपये मिले। आईपीएल 2017 की पुरस्कार राशि बढ़ाई गई। विजेता को 20 करोड़ रुपये, उपविजेता को 11 करोड़ रुपये मिले। तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 7.5 करोड़ रुपये व चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को 2.5 करोड़ रुपये मिले।<ref name="SPSG"/>  
==प्रायोजक एवं प्रसारण कंपनी==
==प्रायोजक एवं प्रसारण कंपनी==
2008 से 2012 तक रीयल्‍टी कंपनी डीएलएफ इसकी प्रमुख प्रायोजक रही जबकि 2013 से पेप्‍सी पांच साल के लिए इसकी प्रमुख प्रायोजक बन गई। इसके टेलीविजन प्रसारण अधिकार दस साल के लिए सोनी के पास रहे। पेप्सी का मुख्य प्रायोजक के रूप में करार 2015 में पूरा हो गया। इसके बाद चीन की मोबाइल कंपनी वीवो इसके शीर्षक प्रायोजक या टाइटल स्पांसर बनी। इसी कारण 2016 व 2017 में आईपीएल का पूरा नाम वीवो इंडियन प्रीमियर लीग रहा। चीनी मोबाइल कंपनी वीवो 2022 तक आईपीएल की टाइटल प्रायोजक यानी स्पांसर रहेगी। यानी इस प्रतियोगिता को वीवो आईपीएल के नाम से जाना जाएगा। कंपनी ने 27 जून 2017 को 2,199 करोड़ रुपये की बड़ी बोली लगाकर अगले पांच साल के लिए एक बार फिर टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल किए। कंपनी ने जो राशि पेश की वह पिछले समझौते से करीब 500 प्रतिशत अधिक है। यह समझौता एक अगस्त 2017 से 31 जुलाई 2022 के लिए किया गया है। वीवो 2016 से 2017 के सत्र के लिए आईपीएल की टाइटल प्रायोजक रही।<ref name="SPSG"/>  
2008 से 2012 तक रीयल्‍टी कंपनी डीएलएफ इसकी प्रमुख प्रायोजक रही जबकि 2013 से पेप्‍सी पांच साल के लिए इसकी प्रमुख प्रायोजक बन गई। इसके टेलीविजन प्रसारण अधिकार दस साल के लिए सोनी के पास रहे। पेप्सी का मुख्य प्रायोजक के रूप में करार 2015 में पूरा हो गया। इसके बाद चीन की मोबाइल कंपनी वीवो इसके शीर्षक प्रायोजक या टाइटल स्पांसर बनी। इसी कारण 2016 व 2017 में आईपीएल का पूरा नाम वीवो इंडियन प्रीमियर लीग रहा। चीनी मोबाइल कंपनी वीवो 2022 तक आईपीएल की टाइटल प्रायोजक यानी स्पांसर रहेगी। यानी इस प्रतियोगिता को वीवो आईपीएल के नाम से जाना जाएगा। कंपनी ने 27 जून 2017 को 2,199 करोड़ रुपये की बड़ी बोली लगाकर अगले पांच साल के लिए एक बार फिर टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल किए। कंपनी ने जो राशि पेश की वह पिछले समझौते से करीब 500 प्रतिशत अधिक है। यह समझौता एक अगस्त 2017 से 31 जुलाई 2022 के लिए किया गया है। वीवो 2016 से 2017 के सत्र के लिए आईपीएल की टाइटल प्रायोजक रही।<ref name="SPSG"/>वीवो आईपीएल 2018 से 2022 तक के टेलीविजन एवं डिजिटल प्रसारण के अधिकार स्टार इंडिया ने खरीदे।
 
==विशेष सिक्का==
==विशेष सिक्का==
दसवीं आईपीएल यानी आईपीएल 2017 में मैचों से पहले टॉस के लिए विशेष सिक्के का इस्तेमाल किया गया। इसमें आईपीएल के लोगो के साथ 10 अंकित है।<ref name="SPSG"/>  
दसवीं आईपीएल यानी आईपीएल 2017 में मैचों से पहले टॉस के लिए विशेष सिक्के का इस्तेमाल किया गया। इसमें आईपीएल के लोगो के साथ 10 अंकित है।<ref name="SPSG"/>  

Revision as of 12:40, 7 January 2018

इंडियन प्रीमियर लीग
विवरण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के भारत में एक पेशेवर ट्वेंटी-20 क्रिकेट लीग है जिसमें देश-विदेश के खिलाड़ी विभिन्न भारतीय शहरों-राज्यों के नाम वाली टीमों से खेलते हैं।
देश भारत
प्रशासक आईपीएल गर्वनिंग काउंसिल, बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल फ़ॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई)
पहला टूर्नामेंट 2008
अंतिम टूर्नामेंट 2017
टूर्नामेंट प्रारूप डबल राउंड रोबिन और प्लेऑफ़
वर्तमान विजेता मुंबई इंडियंस
सर्वाधिक विजेता मुंबई इंडियंस (3 बार)
सर्वाधिक रन सुरेश रैना (4540)
सर्वाधिक विकेट लसित मलिंगा (154)
अन्य जानकारी 2016 से आईपीएल का टाइटल प्रायोजक विवो इलेक्ट्रॉनिक्स है, इस प्रकार लीग को आधिकारिक तौर पर अब विवो इंडियन प्रीमियर लीग के रूप में जाना जाता है।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
अद्यतन‎

इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League / IPL) जिसे संक्षिप्त में आईपीएल के नाम से भी जाना जाता है, बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल फ़ॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) द्वारा संचालित ट्वेंटी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता है। 2016 से आईपीएल का टाइटल प्रायोजक विवो इलेक्ट्रॉनिक्स है, इस प्रकार लीग को आधिकारिक तौर पर अब विवो इंडियन प्रीमियर लीग के रूप में जाना जाता है। 2017 तक 10 आईपीएल हो चुके हैं। इस प्रतियोगिता का आयोजन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड या बीसीसीआई करता है। यह आयोजन आमतौर पर भारत के विभिन्‍न शहरों में अप्रैल से मई के बीच होता है। हालांकि मुख्य रूप से सुरक्षा कारणों के चलते यह दो बार {एक बार पूरी (2009 में दक्षिण अफ्रीका) व एक बार आंशिक (दुबई)} विदेश में भी आयोजित हो चुका है। इसमें भाग लेने वाली टीमों में भारतीय व विदेशी खिलाड़ी शामिल होते हैं। भारतीय टीम में मौका नहीं पाने वाले घरेलू खिलाडियों को भी इसमें मौका मिलता है। इसकी टीमों के नाम प्रमुख शहरों या प्रांत के नाम पर होते हैं जैसे कि कोलकाता नाइटराइडर्स व राजस्‍थान रायल्‍स। आईपीएल में भाग लेने वाली टीमें वास्‍तव में किसी प्रदेश या शहर का प्रतिनिधित्‍व नहीं करतीं बल्कि उन पर कुछ बड़ी कंपनियों का मालिकाना हक है। यानी इसके खिलाडियों व स्‍टाफ आदि को ये कंपनियां ही भुगतान करती हैं।

शुरुआत

क्रिकेट की दुनिया में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत एक अहम मोड़ थी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई / BCCI) ने धूम-धड़ाके से आईपीएल की 14 सितंबर 2007 को शुरुआत की। ट्वेन्टी-20 के प्रति भारतीय क्रिकेट बोर्ड का प्रेम उस समय जगा जब भारत ने 2007 में ट्वेन्टी-20 विश्व कप में ख़िताबी जीत हासिल की। डगर कठिन थी लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की सेना ने हार न मानी और टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के पहले संस्करण में टीम को जीत दिलाई। हर जीत की तरह इस जीत के साथ एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। भारत में वैसे भी क्रिकेट का एक अलग मुकाम है और इस जीत के बाद यहाँ भी टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ने लगी। फिर तो क्रिकेट की आर्थिक महाशक्ति इसका अर्थशास्त्र भी समझने लगी। बीसीसीआई ने इस लोकप्रियता को व्यर्थ न जाने दिया और शुरुआत हुई आईपीएल की। जिसमें बीसीसीआई ने अन्य देशों की ट्वेन्टी-20 प्रतियोगिता की चैम्पियन टीमों को दावत दी।

समिति का अध्‍यक्ष

आईपीएल समिति का अध्‍यक्ष ललित मोदी को बनाया गया जिन्‍होंने आईपीएल की सफलता को शिखर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि उन्‍होंने 1996 में बीसीसीआई के सामने अपने इस विचार को रखा था लेकिन घरेलू क्रिकेट को देखते हुए बोर्ड ने इसे लागू करने से मना कर दिया। लेकिन 'ज़ी ग्रुप' द्वारा अप्रैल 2007 में आईसीएल के नाम से इसी तरह की एक लीग की शुरुआत करने के बाद आईपीएल लांच किया गया। आईपीएल ज़ी-समूह के इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल), यूरोप में क्लब फ़ुटबॉल की प्रतियोगिता चैम्पियंस लीग और नेशनल बॉस्‍केटबॉल लीग को ध्‍यान में रखकर शुरू किया गया। क्रिकेट के इस फ़ॉर्मेट में सबसे ज़्यादा आश्चर्यजनक टीमों की नीलामी के साथ खिलाडियों की बोली (नीलामी) लगना रहा। युद्धस्तर पर काम शुरू हुआ। टीमें बनीं, टीमों की बोली लगी और फिर खिलाड़ी भी नीलाम हुए। आईपीएल की शुरुआत में सबसे पहला क़दम टीम बनाने का था। इसके लिए आठ टीमों पर बोली लगाई गई जिसे आठ अलग-अलग फ्रेंचाइजी ने ख़रीदा।

टूर्नामेंट प्रारूप

वर्तमान में, आठ टीमों के साथ, प्रत्येक टीम एक दूसरे के साथ एक घर और एक घर से बाहर, राउंड रॉबिन टूर्नामेंट में दो बार खेलता है। लीग चरण के समापन पर, शीर्ष चार टीमें सेमी-फाइनल या प्लेऑफ़ खेलती हैं। शीर्ष दो टीमें फाइनल में मुकाबला करती हैं।

आईपीएल की टीमें

आईपीएल प्रतियोगिता की शुरुआत के बाद से इसमें 11 टीमें खेल चुकी हैं। 2017 के लिए इसमें आठ टीमों ने भाग लिया। इसमें खेलने वाली टीमें वैसी ही हैं जैसे विदेशों में फुटबाल क्लब होते हैं। पहली आठ ऐसी ही फ्रेंचाइजी की घोषणा 24 जनवरी 2008 को की गई। आईपीएल की संस्थापक फ्रेंचाइजी या टीमों में निम्नलिखित टीमें हैं-

  1. चेन्नई सुपर किंग्स
  2. डेक्कन चार्जर्स
  3. मुंबई इंडियंस
  4. कोलकाता नाइटराइडर्स
  5. किंग्स इलेवन पंजाब
  6. दिल्ली डेयरडेविल्स
  7. रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर
  8. राजस्थान रॉयल्स

इसके बाद 21 मार्च 2010 को दो और फ्रेंचाइजी / टीम कोच्चि टस्कर्स केरलपुणे वॉरियर्स इंडिया को इसमें शामिल किया गया। कोच्चि टस्कर्स को रेंडेज्वस स्पोर्ट्स वर्ल्ड तथा पुणे वारियर्स को सहारा समूह ने खरीदा। अक्तूबर 2012 में सनराइजर्स हैदराबाद फ्रेंचाइजी बनी जिसे सन टीवी नेटवर्क ने खरीदा। इनमें से कोच्चि टस्कर्स व पुणे वारियर्स इंडिया फिलहाल ​अस्तित्व में नहीं है। बीसीसीआई ने विभिन्न कारणों के चलते इनकी फ्रेंचाइजी बर्खास्त कर दी जबकि एक खिताब जीतने वाली डेक्कन चार्जर्स अब सनराइज हैदराबाद हो गई है। 2015 में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को मैच फिक्सिंग की वजह से 2 वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया तो 2 नई टीम गुजरात लायंस और राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स भी बनीं जिन्हें सिर्फ 2 वर्ष ही आईपीएल खेलने को मिला।

आइकन खिलाड़ी

जब आईपीएल शुरू हुआ था तब यह तय किया गया था कि तीन साल तक हर टीम में एक–एक आइकन खिलाड़ी होगा। इस आधार पर सचिन तेंदुलकर (मुंबई इंडियंस), सौरव गांगुली (कोलकाता नाइटराइडर्स), राहुल द्रविड़ (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू), वीरेंद्र सहवाग (दिल्ली डेयरडेविल्स), वी.वी.एस. लक्ष्मण (डेक्कन चार्जर्स) और युवराज सिंह (किंग्स इलेवन पंजाब) को आइकन खिलाड़ी चुना गया।

खिलाड़ियों की नीलामी

सभी टीमों ने बहुत पैसा खर्च किया और अपनी टीम को मज़बूत बनाने के लिए एक से बढकर एक धुरंधरों की सेना खड़ी की। आईपीएल के नियम के अनुसार इन खिलाड़ियों को तीन सालों के लिए अनुबंधित किया गया। आईपीएल के बाज़ार में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी बिकने को तैयार थे। क्या रिकी पोंटिंग, क्या शोएब मलिक, क्या मैथ्यू हेडन और क्या एंड्रयू साइमंड्स। इन सब खिलाड़ियों की बोली लगी, लेकिन बाज़ी मारी महेंद्र सिंह धोनी ने। चेन्नई सुपरकिंग्स ने धोनी को सबसे ज़्यादा छह करोड़ में ख़रीदा। दूसरे स्थान पर रहे एंड्रयू साइमंड्स। टीम ख़रीदने वालों में भी सितारों का ताँता लगा। शाहरुख ख़ान को कोलकाता की टीम मिली तो प्रीति ज़िंटा ने पंजाब की टीम को ख़रीदा। मुकेश अंबानी के हिस्से में मुंबई की टीम आई, तो विजय माल्या ने बेंगलुरू की टीम पर दाँव लगाया।

आयोजन

टीम और खिलाड़ियों की ख़रीदारी के बाद सारा ध्यान आयोजन पर टिका था। मीडिया, मार्केटिंग, टीवी राइट्स, प्रायोजक और विज्ञापन। लगा जैसे भारत में क्रिकेट की आँधी चलने लगी हो। आईपीएल शुरू हुआ। मैच हुए और खिलाड़ियों के विस्फोटक प्रदर्शन भी हुए। इंडियन प्रीमियम लीग, भारत और भारतीय क्रिकेट को नई पहचान देने के साथ साथ एक ऐसा काम भी कर रहा है, जो दुनिया के लिए एक मिसाल साबित होगा।

खेल भावना

देशी-विदेशी खिलाड़ियों का एक टीम में एक साथ खेलना, एक साथ रहना, खाना-पीना, जीत के लिए मिलकर रणनीति बनाना और वो भी नस्लभेद, रंगभेद, उंच- नीच, जात-पात जैसी कुरीतियों से दूर। भले ही आईपीएल बाज़ार की पैदाईश हो, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि ये भारत को एक नया मुकाम दिला रहा है। ये आईपीएल ही है जिसे अमेरिका, ब्रिटेन जैसे विकसित देशों के सिनेमाघरों में दिखाया जा रहा है। ये दुनिया के सबसे महंगे खेल फुटबॉल को भी पीछे छोड़ने लगा है। भारत के ही नहीं, विदेशी अख़बारों में भी आईपीएल बराबर जगह पा रहा है। बाहरी खिलाड़ी यहां के लोगों के क़रीब आ रहे हैं। कहीं ना कहीं आईपीएल वो काम भी कर रहा है जिसका तसव्‍बुर इसे शुरू करते वक़्त नहीं किया गया होगा। ये आईपीएल का ही कमाल है कि जो खिलाड़ी पहले मैदान पर प्रतिद्वंद्वी बन कर उतरते थे, वो आज एक साथ जीत के लिए खेल रहे हैं। क्या कभी किसी सोचा होगा कि धोनी छक्का लगाकर मैच जिताएंगे और पवेलियन से श्रीलंकाई फिरकी गेंदबाज़ मुरलीधरन उछलते कूदते धोनी को बधाई देने के लिए इस क़दर भागेंगे। ऐसे उदाहरण तमाम हैं। इससे उम्मीद की जा सकती कि जब विदेशी खिलाड़ी स्वदेश लौटेंगे, तो अपने देश के लोगों से मुख़ातिब होते हुए ये बताएंगे कि हमें हिन्दुस्तानियों से काफ़ी प्यार मिला। वहाँ हमारे कई सारे फैन हैं और कई नए दोस्त भी बने हैं, तो क्या इससे कुछ हद तक ये नस्लवाद की समस्या दूर नहीं होगी। खेल तो शुरू से ही मेल करता आया है और कराता रहेगा, चाहे वो कितना ही बाज़ारवाद में डूब क्यों ना जाए।

पुरस्कार राशि

आईपीएल 2014 में कुल पुरस्कार राशि 40 करोड़ रुपये थी। विजेता टीम को 15 करोड़ रुपये मिले। 2015 में पुरस्कार राशि 34 करोड़ रुपये थी, जिसमें विजेता टीम को 15 करोड़ रुपये, उपविजेता को 10 करोड़ रुपये, तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को पांच करोड़ रुपये व चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को चार करोड़ रुपये मिले। आईपीएल 2017 की पुरस्कार राशि बढ़ाई गई। विजेता को 20 करोड़ रुपये, उपविजेता को 11 करोड़ रुपये मिले। तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 7.5 करोड़ रुपये व चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को 2.5 करोड़ रुपये मिले।[1]

प्रायोजक एवं प्रसारण कंपनी

2008 से 2012 तक रीयल्‍टी कंपनी डीएलएफ इसकी प्रमुख प्रायोजक रही जबकि 2013 से पेप्‍सी पांच साल के लिए इसकी प्रमुख प्रायोजक बन गई। इसके टेलीविजन प्रसारण अधिकार दस साल के लिए सोनी के पास रहे। पेप्सी का मुख्य प्रायोजक के रूप में करार 2015 में पूरा हो गया। इसके बाद चीन की मोबाइल कंपनी वीवो इसके शीर्षक प्रायोजक या टाइटल स्पांसर बनी। इसी कारण 2016 व 2017 में आईपीएल का पूरा नाम वीवो इंडियन प्रीमियर लीग रहा। चीनी मोबाइल कंपनी वीवो 2022 तक आईपीएल की टाइटल प्रायोजक यानी स्पांसर रहेगी। यानी इस प्रतियोगिता को वीवो आईपीएल के नाम से जाना जाएगा। कंपनी ने 27 जून 2017 को 2,199 करोड़ रुपये की बड़ी बोली लगाकर अगले पांच साल के लिए एक बार फिर टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल किए। कंपनी ने जो राशि पेश की वह पिछले समझौते से करीब 500 प्रतिशत अधिक है। यह समझौता एक अगस्त 2017 से 31 जुलाई 2022 के लिए किया गया है। वीवो 2016 से 2017 के सत्र के लिए आईपीएल की टाइटल प्रायोजक रही।[1]वीवो आईपीएल 2018 से 2022 तक के टेलीविजन एवं डिजिटल प्रसारण के अधिकार स्टार इंडिया ने खरीदे।

विशेष सिक्का

दसवीं आईपीएल यानी आईपीएल 2017 में मैचों से पहले टॉस के लिए विशेष सिक्के का इस्तेमाल किया गया। इसमें आईपीएल के लोगो के साथ 10 अंकित है।[1]

विजेता टीम

इंडियन प्रीमियर लीग के विजेता
वर्ष आयोजन स्थल विजेता टीम उपविजेता टीम मैन ऑफ़ द सीरीज़
2008 डीवाई पाटिल स्‍टेडियम, नवी मुंबई राजस्थान रॉयल्स चेन्नई सुपर किंग्स शेन वॉटसन
2009 न्‍यू वंडर्स स्‍टेडियम, जोहांसबर्ग डेक्कन चार्जर्स रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर एडम गिलक्रिस्‍ट
2010 डीवाई पाटिल स्‍टेडियम, नवी मुंबई चेन्नई सुपर किंग्स मुंबई इंडियंस सचिन तेंदुलकर
2011 चिदम्बरम स्टेडियम, चेन्नई चेन्नई सुपर किंग्स रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर क्रिस गेल
2012 चिदम्बरम स्टेडियम, चेन्नई कोलकाता नाईटराइडर्स चेन्नई सुपर किंग्स सुनील नारायण
2013 ईडन गार्डन, कोलकाता मुंबई इंडियंस चेन्नई सुपर किंग्स शेन वाटसन
2014 चिन्नास्वामी स्टेडियम, बंगलोर कोलकाता नाईटराइडर्स किंग्स इलेवन पंजाब ग्लेन मैक्सवेल
2015 ईडन गार्डन, कोलकाता मुंबई इंडियंस चेन्नई सुपर किंग्स आंद्रे रसेल
2016 चिन्नास्वामी स्टेडियम, बंगलोर सनराइजर्स हैदराबाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर विराट कोहली
2017 राजीव गांधी स्टेडियम, हैदराबाद मुंबई इंडियंस पुणे सुपरजाइंट्स बेन स्टोक्स

आईपीएल औरेंज कैप

आईपीएल में संतरी रंग की टोपी या ओरेंज कैप सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्‍लेबाज को पहनाई जाती है। आईपीएल 2017 में यह कैप डेविड वार्नर सनराइजर्स हैदराबाद को मिली जिन्होंने 14 मैच के 14 पारियों में 641 रन बनाए। उनका उच्चतम स्कोर रहा 126 रन रहा। वार्नर ने 2015 में भी यह खिताब जीता था। ओरेंज कैप पाने वाले बल्‍लेबाजों की सूची निम्नलिखित है-

  • 2008: शान मार्श (पंजाब किंग्‍स इलेवन) 616 रन
  • 2009: मैथ्‍यू हेडन (चेन्‍नई सुपर किंग्‍स) 572 रन
  • 2010: सचिन तेंदुलकर (मुंबई इंडियंस) 618 रन
  • 2011: क्रिस गेल (रायल चैलेंजर्स बेंगलूर) 608 रन
  • 2012: क्रिस गेल (रायल चैलेंजर्स बेंगलूर) 733 रन
  • 2013: माइकल हसी (चेन्‍नई सुपर किंग्‍स) 733 रन
  • 2014: रोबिन उत्‍थपा (कोलकाता नाइटराइडर्स) 660 रन
  • 2015: डेविड वार्नर (सनराइजर्स हैदराबाद) 562 रन
  • 2016: विराट कोहली (रायल चैलेंजर्स बेंगलूर) 973 रन
  • 2017: डेविड वार्नर (सनराइजर्स हैदराबाद) 641 रन

आईपीएल पर्पल कैप

आईपीएल में बैंगनी रंग की टोपी या पर्पल कैप सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज को दी जाती है। डी ब्रावो ने 2013 आईपीएल में 32 विकेट चटकाए जो कि एक रिकार्ड है। कोई भी अन्य गेंदबाज इसके आसपास भी नहीं पहुंच सका है। 2017 की आईपीएल में भुवनेश्वर कुमार सनराइजर्स हैदराबाद ने 14 मैच में 26 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा 19 रन देकर पांच विकेट ​लेना। इस तरह से भुवनेश्वर कुमार ने 2016 व 2017 में लगातार यह बैंगनी टोपी जीती है। अब तक पर्पल कैप पाने वाले गेंदबाजों की सूची निम्न है-

  • 2008: सोहेल तनवीर (राजस्‍थान रायल्‍स) – 22 विकेट
  • 2009: आरपी सिंह (डेक्‍कन चार्जर्स) – 23 विकेट
  • 2010: प्रज्ञान ओझा (डेक्‍कन चार्जर्स) – 21 विकेट
  • 2011: लसित मलिंगा (मुंबई इंडियंस) – 28 विकेट
  • 2012: मोरन मोर्केल (दिल्‍ली डेयरडेविल्‍स) – 25 विकेट
  • 2013: डवेन ब्रावो (चेन्‍नई सुपर किंग्‍स) – 32 विकेट
  • 2014: मोहित शर्मा (चेन्‍नई सुपर किंग्‍स) – 23 विकेट
  • 2015: डवेन ब्रावो (चेन्नई सुपर किंग्स) – 24 विकेट
  • 2016: भुवनेश्वर कुमार (सनराइजर्स हैदराबाद) – 23 विकेट
  • 2017: भुवनेश्वर कुमार (सनराइजर्स हैदराबाद) – 26 विकेट

आईपीएल और विवाद

आईपीएल की शुरुआत इंडियन क्रिकेट लीग की शुरुआत के मद्देनजर हुई। बुरे हों या अच्छे यह अनेक कारणों के कारण चर्चा में रही है। मैच फिक्सिंग, स्पाट फिक्सिंग, आपसी लड़ाई-झगड़ा, सटोरियों का दखल, खिलाड़ियों पर जोर जबरदस्ती के आरोप आदि। अनेक कारणों से आईपीएल का हर सत्र चर्चा में बना रहता है। आईपीएल के इस पूरे ड्रामे में दो नयी फ्रेंचाइजी का बनना व खत्म होना, स्पाट फिक्सिंग में अनेक नामी खिलाड़ियों का शामिल होना शामिल है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 दस साल की आईपीएल (हिंदी) सांगोपांग। अभिगमन तिथि: 7 जनवरी, 2018।

बाहरी कड़ियाँ

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