जगत प्रकाश नड्डा: Difference between revisions

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'''जगत प्रकाश नड्डा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Jagat Prakash Nadda'', जन्म- [[2 दिसम्बर]] [[1960]], [[पटना]], [[बिहार]]) [[भारतीय जनता पार्टी]] के राजनीतिज्ञ हैं। भाजपा ने [[अमित शाह]] के बाद उन्हें अपना अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। जगत प्रकाश नड्डा पार्टी के निर्विरोध 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं। वह अभी तक भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष थे। अमित शाह के बाद जे. पी. नड्डा को '''पार्टी का मास्टर रणनीतिकार''' माना जाता है। वह [[नरेंद्र मोदी]] और अमित शाह के काफ़ी करीबी हैं। जे. पी. नड्डा ने अपने कॅरियर की शुरुआत एक छात्र नेता के तौर पर की थी। इस दौरान वह विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव भी रहे। उन्हें राज्य और केंद्रीय संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है।
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==जन्म व शिक्षा==
जगत प्रकाश नड्डा का जन्म 2 दिसंबर, 1960 को पटना, बिहार में हुआ था। वह [[1977]] से [[1979]] तक तत्कालीन बिहार (वर्तमान में [[झारखंड]]) के [[रांची]] में रहे। उनके [[पिता]] एन. एल. नड्डा 'रांची विश्वविद्यालय' के कुलपति व पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे। जगत प्रकाश नड्डा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा और बी.ए की डिग्री पटना के कॉलेज से हासिल की। वहीं उन्होंने एलएलबी की डिग्री 'हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी' से प्राप्त की है। उनकी पत्नी डॉ. मलिका नड्डा भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का हिस्सा रह चुकी हैं।
==राजनीतिक शुरुआत==
जगत प्रकाश नड्डा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत [[1975]] में 'संपूर्ण क्रांति आंदोलन' का हिस्सा बन कर की। इसके बाद वह 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' में शामिल हो गए।
====छात्र संघ के सचिव====
सन [[1977]] में जगत प्रकाश नड्डा ने एबीवीपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव चुने गए। इसके साथ ही वह एबीवीपी में अधिक सक्रिय भी हो गए और कई अलग-अलग काम किए। पटना विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद उन्होंने हिमाचल विश्वविद्यालय से लॉ की पढ़ाई पूरी की। उनकी पत्नी मलिका नड्डा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में [[इतिहास]] पढ़ाती हैं। मलिका एबीवीपी का हिस्सा रही हैं और [[1988]] से [[1999]] के बीच वह इसकी राष्ट्रीय सचिव भी रहीं।
==विभिन्न पदों पर कार्य==
वर्ष [[1989]] में आयोजित लोकसभा चुनावों के दौरान जगत प्रकाश नड्डा को [[भारतीय जनता पार्टी]] की युवा शाखा के चुनाव प्रभारी के रूप में एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उस वक्त वह सिर्फ 29 साल के थे। [[1991]] में उन्हें 31 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। बाद में वह [[हिमाचल प्रदेश]] से विधानसभा चुनाव लड़े और तीन बार जीते। वह तीन कार्यकालों के लिए हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रहे हैं- [[1993]] से [[1998]], [[1998]] से [[2003]] तक और फिर [[2007]]-[[2012]] तक। इसके अलावा जगत प्रकाश नड्डा वन, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे मंत्रालयों को भी संभाल चुके हैं। अपनी प्रसिद्ध उपलब्धियों के तहत उन्हें एक ऐसे मंत्री के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने वन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए राज्य में प्रभावी रूप से वन पुलिस स्टेशन स्थापित किए। उन्हें [[शिमला]] में हरित आवरण को बढ़ाने का भी श्रेय दिया गया है और इस उद्देश्य के लिए वह राज्य में कई वृक्षारोपण अभियान शुरू करने में लगे हुए हैं।
==भारत का प्रतिनिधित्व==
जगत प्रकाश नड्डा ने [[भारत]] का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के हिस्से के रूप में कोस्टारिका, ग्रीस, तुर्की, [[ब्रिटेन]], कनाडा आदि सहित कई देशों का दौरा किया है।


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जगत प्रकाश नड्डा (अंग्रेज़ी: Jagat Prakash Nadda, जन्म- 2 दिसम्बर 1960, पटना, बिहार) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। भाजपा ने अमित शाह के बाद उन्हें अपना अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। जगत प्रकाश नड्डा पार्टी के निर्विरोध 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं। वह अभी तक भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष थे। अमित शाह के बाद जे. पी. नड्डा को पार्टी का मास्टर रणनीतिकार माना जाता है। वह नरेंद्र मोदी और अमित शाह के काफ़ी करीबी हैं। जे. पी. नड्डा ने अपने कॅरियर की शुरुआत एक छात्र नेता के तौर पर की थी। इस दौरान वह विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव भी रहे। उन्हें राज्य और केंद्रीय संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। 1993 में हिमाचल विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वह भाजपा विधायक दल के नेता रहे।

जन्म व शिक्षा

जगत प्रकाश नड्डा का जन्म 2 दिसंबर, 1960 को पटना, बिहार में हुआ था। वह 1977 से 1979 तक तत्कालीन बिहार (वर्तमान में झारखंड) के रांची में रहे। उनके पिता एन. एल. नड्डा 'रांची विश्वविद्यालय' के कुलपति व पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे। जगत प्रकाश नड्डा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा और बी.ए की डिग्री पटना के कॉलेज से हासिल की। वहीं उन्होंने एलएलबी की डिग्री 'हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी' से प्राप्त की है। उनकी पत्नी डॉ. मलिका नड्डा भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का हिस्सा रह चुकी हैं।

राजनीतिक शुरुआत

जगत प्रकाश नड्डा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1975 में 'संपूर्ण क्रांति आंदोलन' का हिस्सा बन कर की। इसके बाद वह 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' में शामिल हो गए।

छात्र संघ के सचिव

सन 1977 में जगत प्रकाश नड्डा ने एबीवीपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव चुने गए। इसके साथ ही वह एबीवीपी में अधिक सक्रिय भी हो गए और कई अलग-अलग काम किए। पटना विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद उन्होंने हिमाचल विश्वविद्यालय से लॉ की पढ़ाई पूरी की। उनकी पत्नी मलिका नड्डा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इतिहास पढ़ाती हैं। मलिका एबीवीपी का हिस्सा रही हैं और 1988 से 1999 के बीच वह इसकी राष्ट्रीय सचिव भी रहीं।

विभिन्न पदों पर कार्य

वर्ष 1989 में आयोजित लोकसभा चुनावों के दौरान जगत प्रकाश नड्डा को भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा के चुनाव प्रभारी के रूप में एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उस वक्त वह सिर्फ 29 साल के थे। 1991 में उन्हें 31 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। बाद में वह हिमाचल प्रदेश से विधानसभा चुनाव लड़े और तीन बार जीते। वह तीन कार्यकालों के लिए हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रहे हैं- 1993 से 1998, 1998 से 2003 तक और फिर 2007-2012 तक। इसके अलावा जगत प्रकाश नड्डा वन, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे मंत्रालयों को भी संभाल चुके हैं। अपनी प्रसिद्ध उपलब्धियों के तहत उन्हें एक ऐसे मंत्री के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने वन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए राज्य में प्रभावी रूप से वन पुलिस स्टेशन स्थापित किए। उन्हें शिमला में हरित आवरण को बढ़ाने का भी श्रेय दिया गया है और इस उद्देश्य के लिए वह राज्य में कई वृक्षारोपण अभियान शुरू करने में लगे हुए हैं।

भारत का प्रतिनिधित्व

जगत प्रकाश नड्डा ने भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के हिस्से के रूप में कोस्टारिका, ग्रीस, तुर्की, ब्रिटेन, कनाडा आदि सहित कई देशों का दौरा किया है।


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