हैदराबाद हाउस: Difference between revisions
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'''हैदराबाद हाउस''' एक शानदार इमारत है जो [[नई दिल्ली]] में स्थित है और जिसका उपयोग वर्तमान रूप से [[भारत सरकार]] द्वारा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के दौरे के भोज और बैठकों के लिए किया जाता है। यह इमारत प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस द्वारा [[हैदराबाद]] के अंतिम निज़ाम मीर उस्मान अली खान के निवास के रूप में तैयार की गई थी। | '''हैदराबाद हाउस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Hyderabad House'') एक शानदार इमारत है जो [[नई दिल्ली]] में स्थित है और जिसका उपयोग वर्तमान रूप से [[भारत सरकार]] द्वारा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के दौरे के भोज और बैठकों के लिए किया जाता है। यह इमारत प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस द्वारा [[हैदराबाद]] के अंतिम निज़ाम मीर उस्मान अली खान के निवास के रूप में तैयार की गई थी। | ||
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हैदराबाद हाउस का निर्माण सन [[1928]] में हुआ था। इसकी डिजाइन मशहूर ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस ने तैयार की थी। करीब नौ एकड़ में फैले हैदराबाद हाउस को हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान ने बनवाया था। यह तितली के आकार में बनाया गया। इसमें ब्रिटिश राज के समय बनने वाले [[वास्तुकला]] की झलक मिलती है। इसमें 36 कमरे हैं। आजादी के बाद भारत सरकार ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था। | हैदराबाद हाउस का निर्माण सन [[1928]] में हुआ था। इसकी डिजाइन मशहूर ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस ने तैयार की थी। करीब नौ एकड़ में फैले हैदराबाद हाउस को हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान ने बनवाया था। यह तितली के आकार में बनाया गया। इसमें ब्रिटिश राज के समय बनने वाले [[वास्तुकला]] की झलक मिलती है। इसमें 36 कमरे हैं। आजादी के बाद भारत सरकार ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था। |
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thumb|250px|हैदराबाद हाउस हैदराबाद हाउस (अंग्रेज़ी: Hyderabad House) एक शानदार इमारत है जो नई दिल्ली में स्थित है और जिसका उपयोग वर्तमान रूप से भारत सरकार द्वारा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के दौरे के भोज और बैठकों के लिए किया जाता है। यह इमारत प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस द्वारा हैदराबाद के अंतिम निज़ाम मीर उस्मान अली खान के निवास के रूप में तैयार की गई थी।
निर्माण
हैदराबाद हाउस का निर्माण सन 1928 में हुआ था। इसकी डिजाइन मशहूर ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस ने तैयार की थी। करीब नौ एकड़ में फैले हैदराबाद हाउस को हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान ने बनवाया था। यह तितली के आकार में बनाया गया। इसमें ब्रिटिश राज के समय बनने वाले वास्तुकला की झलक मिलती है। इसमें 36 कमरे हैं। आजादी के बाद भारत सरकार ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था।
वास्तुकला
यह राजमहल इंडिया गेट के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यह भारतीय और अंग्रेज़ वास्तुकला में 8.77 एकड़ से अधिक में फैला हुआ है और यह एक तितली के आकार में बनाया गया है। महल का प्रवेश कक्ष एक गुंबद है जो 55 डिग्री कोण के रूप में उत्कृष्ट प्रवेश सुविधा है। इसमें ज़नाना समेत 36 कमरे हैं, जिनमें से चार अब भोजन कक्षों में परिवर्तित हो गए हैं। वाइसरायस हाउस के अपवाद के बाद यह 1921-1931 के दौरान एडविन लुटियंस द्वारा बनाये गए दिल्ली के सभी महलों का सबसे बड़ा क्षेत्र घेरता है।
देश की आजादी के बाद कई रियासतें भारत में शामिल हुई थीं। उसमें से हैदराबाद के निजाम की रियासत भी थी। निजाम ने ही इसका निर्माण दिल्ली में कराया था। हैदराबाद हाउस के बगल में बड़ौदा हाउस है। यह बड़ौदा रिसायत के पैसे से बनाया गया था। इसी तरह से जयपुर हाउस, पटियाला हाउस, बीकानेर हाउस और धौलपुर हाउस भी हैं। आजादी से पहले इन रियासतों के प्रमुखों ने दिल्ली में रुकने और दूसरी सुविधाओं के लिए इन हाउस का निर्माण कराया था।
विदेशी मेहमानों का आगमन
हैदराबाद हाउस की खूबसूरती और महलनुमा दिखने वाली इमारत के चलते फिलहाल भारत सरकार हैदराबाद हाउस का इस्तेमाल विदेशी मेहमान के स्वागत-सत्कार के लिए करती है। साथ ही समझौते और प्रेस कांफ्रेस का भी आयोजन किया जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहले बराक ओबामा और जापान के पीएम शिन्जो अबे समेत कई बड़े विदेशी मेहमान यहां आ चुके हैं।
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