मिलिंद (मिनांडर): Difference between revisions
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Revision as of 15:07, 11 October 2010
मिलिन्द या मनेन्दर
- उत्तर-पश्चिम भारत का 'हिन्दी-यूनानी' राजा 'मनेन्दर' 165-130 ई. पू. लगभग ( भारतीय उल्लेखों के अनुसार 'मिलिन्द') था।
- प्रथम पश्चिमी राजा जिसने बौद्ध धर्म अपनाया और मथुरा पर शासन किया।
- राज्य की सीमा- बैक्ट्रिया, पंजाब, हिमाचल, जम्मू से मथुरा ।
- डेमेट्रियस के समान मिनान्डर नामक यवन राजा के भी अनेक सिक्के उत्तर - पश्चिमी भारत में उपलब्ध हुए हैं।
- मिनान्डर की राजधानी शाकल (सियालकोट) थी।
- भारत में राज्य करते हुए वह बौद्ध श्रमणों के सम्पर्क में आया और आचार्य नागसेन से उसने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।
- बौद्ध ग्रंथों में उसका नाम 'मिलिन्द' आया है।
- 'मिलिन्द पञ्हो' नाम के पालि ग्रंथ में उसके बौद्ध धर्म को स्वीकृत करने का विवरण दिया गया है।
- मिनान्डर के अनेक सिक्कों पर बौद्ध धर्म के 'धर्मचक्र' प्रवर्तन का चिह्न 'धर्मचक्र' बना हुआ है, और उसने अपने नाम के साथ 'ध्रमिक' (धार्मिक) विशेषण दिया है।
- यूनानी लेखक स्ट्रैबो के लेखों से सूचित होता है, कि डेमेट्रियस के भारत आक्रमण में मिनान्डर उसका सहयोगी था।
- स्ट्रैबो के अनुसार इन विजयों का लाभ कुछ मिनान्डर ने और कुछ युथिडिमास के पुत्र डेमेट्रियस ने प्राप्त किया। इससे अनेक इतिहासकारों ने यह परिणाम निकाला है, कि मिनान्डर और डेमेट्रियस ने एक ही समय में सम्मिलित रूप से भारत पर आक्रमण किया था, और मिनान्डर डेमेट्रियस का ही सेनापति था।
- श्री टार्न इस मत के प्रमुख प्रतिपादकों में हैं। बाद में मिनान्डर ने भी अपना पृथक व स्वतंत्र राज्य स्थापित किया।
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