क्लाउस हैसलमैन

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thumb|250px|क्लाउस हैसलमैन क्लाउस हैसलमैन (अंग्रेज़ी: Klaus Hasselmann, जन्म- 25 अक्टूबर, 1931, हम्बर्ग, जर्मनी) प्रमुख जर्मन समुद्र विज्ञानी और जलवायु मॉडलर हैं। वह हैम्बर्ग विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एमेरिटस और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर मौसम विज्ञान के पूर्व निदेशक रहे हैं। उन्हें स्यूकुरो मानेबे और जियोर्जियो पेरिसी के साथ संयुक्त रूप से भौतिकी में 2021 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।

  • क्लाउस हैसलमैन वेल्विन गार्डन सिटी, इंग्लैंड में पले-बढ़े और 1949 में विश्वविद्यालय में भाग लेने के लिए हैम्बर्ग लौट आए।
  • अपने पूरे कॅरियर के दौरान वह मुख्य रूप से हैम्बर्ग विश्वविद्यालय और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर मौसम विज्ञान से संबद्ध रहे हैं, जिसकी उन्होंने स्थापना की थी।
  • उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में स्क्रिप्स इंस्टीट्यूशन ऑफ ओशनोग्राफी और वुड्स होल ओशनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन में प्रोफेसर के रूप में 05 साल और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में 01 वर्ष बिताया।
  • क्लाउस हैसलमैन को जलवायु परिवर्तनशीलता के 'हैसलमैन मॉडल' को विकसित करने के लिए जाना जाता है।
  • मनाबे और हेसलमैन की खोज ने ही सटीक मौसम पूर्वानुमान की राह खोली थी। जर्मनी के जलवायु विज्ञानी स्टीफन रैमस्टोर्फ का कहना था, 'भौतिकी के आधार पर तैयार किए गए क्लाइमेट माडल से यह जानना संभव हुआ कि धरती का तापमान कितनी तेजी से बढ़ रहा है। समुद्र के बढ़ते स्तर से लेकर कई अन्य प्रभावों का दशकों पहले अनुमान लगाना संभव हुआ है। हेसलमैन और मनाबे इस दिशा में खोज करने वाले अगुआ रहे हैं। आज हम सब इस बात के गवाह हैं कि उनके पूर्वानुमान कितने सही थे।'[1]
  • नोबेल पुरस्कार के तहत एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (करीब 8.5 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है। भौतिकी में नोबेल के तीन विजेताओं (स्यूकुरो मानेबे, क्लाउस हैसलमैन और जियोर्जियो पेरिसी) के बीच दो हिस्से में इसे बांटा जाएगा। आधा हिस्सा मनाबे व हेसलमैन को तथा आधा हिस्सा पैरिसी को मिलेगा। नोबेल पुरस्कार से जुड़े निर्णायकों ने कहा कि मनाबे और हेसलमैन ने हमें जलवायु और मानवीय गतिविधियों से उस पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने का आधार दिया। वहीं पैरिसी का अध्ययन एक तरह के मेटल अलाय स्पिन ग्लास पर केंद्रित है। इस अलाय में परमाणु इस तरह से होते हैं कि पदार्थ का चुंबकीय व्यवहार अचानक बदल जाता है। पैरिसी ने इस अचानक होने वाले बदलाव के पीछे के पैटर्न को समझने में मदद की।


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