खम्माण रासो
- खम्माण रासो की रचना कवि दलपति विजय ने की है।
- इसे खुमाण के समकालीन अर्थातद्य सं. 790 सं. 890 वि. माना गया है किन्तु इसकी प्रतियों में राणा संग्राम सिंह द्वितीय के समय 1760 - 1790 के पूर्व की नहीं होनी चाहिए। *डॉ. उदयनारायण तिवारी ने श्री अगरचन्द नाहटा के एक लेख के अनुसार इसे सं. 1730 - 1760 के मध्य लिखा बताया गया है।
- श्री रामचन्द्र शुक्ल इसे सं. 969 - सं. 899 के बीच की रचना मानते हैं।
- उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर इसे सं. 1730 - 790 के मध्य लिखा माना जा सकता है।
|
|
|
|
|