हरियाणा की अर्थव्यवस्था

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हरियाणा की अर्थव्यवस्था पूरे देश में अग्रणी है। कृषि की दृष्टि से हरियाणा एक समृद्ध राज्य है और यह केंद्रीय भंड़ार (अतिरिक्त खाद्यान्न की राष्ट्रीय संग्रहण प्रणाली) में बड़ी मात्रा में गेहूं और चावल देता है। कपास, राई, सरसों, बाजरा, चना, गन्ना, ज्वार, मक्का और आलू अन्य प्रमुख फ़सलें हैं। राज्य की कृषि प्रधानता ने हरित क्रांति में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके अंतर्गत सिंचाई उर्वरक और उच्च गुणवत्ता के बीजों में बड़े पैमाने पर निवेश शामिल है। हरियाणा के कुल श्रम बल का लगभग 58 प्रतिशत कृषि में संलग्न है। हरियाणा ने कृषि आधारित और निर्माण उद्योगों में उल्लेखनीय प्रगति की है। इनमें प्रमुख है, कपास और चीनी प्रसंस्करण, कृषि उपकरण, रसायन और अनेक प्रकार की उपभोक्ता वस्तुएं, जिनमें साईकिल उल्लेखनीय है।

परिवहन

प्रमुख राजमार्ग और रेलवे लाइनें हरियाणा से होकर गुज़रती हैं और दिल्ली से मिलती हैं, इस वजह से यह प्रदेश औद्योगिक और वाणिज्यिक विकास का गलियारा बन गया है, ख़ासकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से जुड़े राज्य के हिस्सों के लिए। यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य में कुछ औद्योगिक निवेश पंजाबी उद्यमियों ने किया है, जिनका मानना है कि पंजाब के बजाय हरियाणा में निवेश करना अधिक सुरक्षित और लाभदायक है क्योंकि दिल्ली के बाज़ार से यह नज़दीक है।


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