दशमी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:31, 10 January 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
Jump to navigation Jump to search
  • सूर्य से चन्द्र का अन्तर जब 109° से 120° तक होता है, तब शुक्ल पक्ष की दशमी और 289° से 300° तक कृष्ण दशमी रहती है।
  • इस ‘पूर्णा’ संज्ञक तिथि के स्वामी यम हैं, जिसका विशेष नाम ‘धर्मिणी’ है।
  • इस तिथि को सामान्य रूप से ‘द्रव्यदा’ भी कहते हैं।
  • शनिवार को दशमी मृत्युदा तथा गुरूवार को सिद्धिदा होती है।
  • आश्विन मास में दशमी मास शून्य संज्ञक होने से शुभ कार्यों में वर्जित होती है।
  • दशमी की दिशा उत्तर है।
  • भविष्य पुराण के अनुसार दशमी तिथि को यमराज (काल) की पूजा करने से आरोग्य तथा दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
  • दशमी तिथि को शिव जी का वास अनुकूल न होने से शिव पूजन वर्जित है।
  • चन्द्रमा की इस दसवीं कला का अमृत पान वायु देव करते हैं।
  • विशेष – दशमी तिथि मंगल ग्रह की जन्म तिथि है। इसलिये शुभ कार्यों में वर्जित माना जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः