संविधान संशोधन- 51वाँ

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संविधान संशोधन- 51वाँ
विवरण 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है।
संविधान लागू होने की तिथि 26 जनवरी, 1950
51वाँ संशोधन 1984
संबंधित लेख संविधान सभा
अन्य जानकारी 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है।

भारत का संविधान (51वाँ संशोधन) अधिनियम, 1984

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा अनुच्छेद 330 में संशोधन किया गया, ताकि मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम की अनुसूचित जनजातियों के लिए संसद में स्थान आरक्षित किए जा सकें।
  • साथ ही साथ, स्थानीय जनजातियों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अनुच्छेद 332 में संशोधन करके नागालैंड और मेघालय की विधानसभाओं में भी इसी तरह का आरक्षण किया गया।


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