नगरकोट

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:04, 26 May 2014 by गोविन्द राम (talk | contribs) (''''नगरकोट''' हिमाचल प्रदेश के वर्तमान नगर कांगड़ा क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

नगरकोट हिमाचल प्रदेश के वर्तमान नगर कांगड़ा का प्राचीन नाम है। यह नगर हिमालय की तराइ के दक्षिणी सिरे पर बसा हुआ है, जो व्यास नदी के द्वारा अपवाहित होती है। यह धर्मशाला से ठीक दक्षिण-पश्चिम में रेलवे की छोटी लाइन पर 734 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

इतिहास

प्राचीन और मध्य काल में कांगड़ा को नगरकोट के नाम से जाना जाता था। तब यह राजपूत राजाओं का गढ़ था। 1009 ई. में अफ़ग़ानी विजेता महमूद गज़नवी ने इस नगर में लूटपाट की और 1360 में बादशाह फ़िरोज़शाह तुग़लक़ ने भी इसे लूटा। बाद में यह मुग़लों के अधिकार में आ गया। 18वीं और 19वीं शताब्दी में कांगड़ा, कांगड़ा घाटी चित्रकला की प्रख्यात शैली का केन्द्र बन गया, जिसे राजपूत लघु चित्रकला के नाम से भी जाना जाता है। 1905 में एक भूकम्प ने इस नगर को तबाह कर दिया; इस भूकम्प में देवी का मन्दिर, जो उत्तरी भारत के प्राचीनतम मन्दिरों में से एक था, भी नेस्तनाबूद हो गया, लेकिन इसका पुर्ननिर्माण करवाया गया। 18वीं शती में फ़िरोज़ तुग़लक़ ने नगरकोट पर आक्रमण किया तथा यहाँ के ज्वालामुखी मन्दिर को नष्ट-भ्रष्ट कर दिया। किन्तु लगभग नौ मास तक दुर्ग के घिरे रहने के पश्चात ही वहाँ के राजा रूपचंद्र ने सुल्तान से सन्धि की वार्ता प्रारम्भ की। 14वीं शती के प्रारम्भ में काँगड़ा नरेश हरिश्चंद्र गुलेर के जंगलों में आख़ेट करता हुआ एक कुएँ में गिर गया। उसके राजधानी में न लौटने पर उसके छोटे भाई को कांगड़ा की गद्दी पर बिठा दिया गया किन्तु हरिश्चंद्र को पास से गुज़रते हुए एक व्यापारी ने कुएँ से निकाल लिया और वह कांगड़ा लौट आया। thumb|left|250px|कांगड़ा का एक दृश्य हरिश्चंद्र का अपने भाई के साथ झगड़ा स्वाभाविक रूप से हो सकता था, किन्तु उसने उदारता और बुद्धिमानी से काम लिया और नए राज्य की नींव डाली, और कांगड़ा पर छोटे भाई को ही राज्य करने दिया। मुग़ल सम्राट अकबर के समय में कांगड़ा नरेश ने उसकी अधीनता स्वीकार कर ली। 1619 ई. में जहाँगीर ने एक वर्ष के घेरे के उपरान्त दुर्ग को हस्तगत कर लिया। वह नूरजहाँ के साथ दो वर्ष पश्चात कांगड़ा आया, जिसका स्मारक दुर्ग का जहाँगीर दरवाज़ा है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

Template:हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक नगर


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः