विमान वाहक पोत

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[[चित्र:Indian-Navy-1.jpg|thumb|250px|भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत]] विमान वाहक पोत (अंग्रेज़ी: Aircraft carrier) उन युद्ध पोतों को कहा जाता है, जो तैरते हुए विमान तल के समान उपयोग में लाये जाते हैं। यह एक साथ कई लड़ाकू वायुयानों को लेकर तैर सकते हैं, इस कारण इनका आकार अन्य किसी भी युद्ध पोत से विशाल होता है। इस पोत पर एक उड़ान पट्टी[1] भी होती है, जहाँ से वायुयान उड़ान भर सकते है अथवा उतर सकते हैं।

महत्त्व

देश की सीमाओं की रक्षा जवान करते हैं चाहे वे थल सेना के हों, वायु सेना के या जल सेना के। विज्ञान के इस युग में शक्तिशाली सेना का मानक जवानों की संख्या नहीं अपितु आधुनिक हथियारों से सुसज्जित सेना से लगाया जाता है। देश की थल सीमाओं के साथ-साथ जल सीमाओं पर भी जवान चोकसी करते हैं और देशवासियों की हिफाज़त करते हैं। जल सेना के पास युद्ध पोत, नौकाएं, हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान जैसे आधुनिक युद्धक वाहन होते हैं। इनमें सबसे अहम व सबसे बड़ा होता है- विमान वाहक पोत। यह किसी जहाजी बेड़े का प्रमुख जहाज़ होता है। इसका निर्माण बेहद महंगा होता है। साथ ही इसके निर्माण की तकनीक बहुत जटिल होती है। दुनिया के प्रथम विमान वाहक पोत का श्रेय 'एचएमएस आरगस' (HMS Argus) को जाता है, जिस पर 1918 में नौसेना के विमान ने उड़ान भरी व पुनः लैंडिंग की।[2]

भारत के विमान वाहक पोत

  1. आईएनएस विराट - ब्रिटेन से 1986 में ख़रीदे गए 28,700 टन वजनी आईएनएस विराट को 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
  2. आईएनएस विक्रमादित्य - 45,400 टन वजनी आईएनएस विक्रमादित्य कीव क्लास का विमान वाहक पोत है, जिसे भारत ने 2.35 बिलियन डॉलर में 2004 रूस से ख़रीदा था। इस पोत ने जुलाई, 2013 में समुद्री परीक्षण व सितम्बर, 2013 में वैमानिकी परीक्षण पूर्ण किये थे।
  3. स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रान्त - भारत 2009 से 260 मीटर लम्बे 40,000 टन वजनी विमान वाहक पोत का निर्माण कर रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 762 मिलियन डॉलर है। इस विमान वाहक पोत से मिग-29के, तेजस लड़ाकू विमान, सी हैरीएर विमान व स्वदेशी ध्रुव हेलीकाप्टर का संचालन किया जा सकेगा। यह पोत 4 गैस टरबाइन इंजन से संचालित होगा व इसकी रेंज 8000 नौटिकल मील (लगभग 15,000 किलोमीटर ) होगी। इस पोत पर 160 ऑफिसर, 1400 सैनिक व 30 युद्धक विमानों को रखा जा सकेगा। इस पोत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड द्वारा किया जा रहा है। इसके 2018 तक भारतीय नौसेना में शामिल होने की संभावना है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. Run Way
  2. क्या होता है विमान वाहक पोत (हिन्दी) ज्ञान मंजरी। अभिगमन तिथि: 03 अगस्त, 2016।

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