पोप

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पोप रोमन कैथोलिक संप्रदाय के प्रधान धर्मगुरु[1], रोम के बिशप तथा वैटिकन के राज्याध्यक्ष को कहा जाता है। 'पोप' का शाब्दिक अर्थ 'पिता' होता है। यह लैटिन के "पापा" से व्युत्पन्न है, जो स्वयं ग्रीक के 'पापास्' शब्द से व्युत्पन्न है।

कार्य

पोप के नियमित कामों में हर रविवार को वेटिकन पहुंचे दुनिया भर के श्रद्धालुओं को संबोधित करना और उन्हें आशीर्वाद देना शामिल होता है। इसके लिए वह अपने अध्ययन कक्ष की उस खिड़की का इस्तेमाल करते हैं, जहां से सेंट पीटर्स स्कवेयर का भव्य नज़ारा दिखता है। इसके अलावा वह हफ्ते में एक बार लगभग पांच हज़ार श्रद्धालुओं से मुख़ातिब होते हैं। सर्दियों में इसका आयोजन एक हॉल में किया जाता है तो गर्मियों में पोप सेंट पीटर्स स्कवेयर पर खुले आसमान के नीचे श्रद्धालुओं से रुबरू होते हैं। पोप सामान्य तौर पर सेंट पीटर्स के अंदर होने वाले अहम उत्सवों के दौरान आयोजनों का नेतृत्व करते हैं। इसमें क्रिसमस और ईस्टर शामिल है। इस दौरान पोप उसी खिड़की से मुख़ातिब होते हैं, जहां पोप बनने के बाद वह पहली बार दुनिया के सामने आते हैं। यहीं से वह अपना ‘उरबी एट ओरबी’ संदेश देते हैं।[2]

बिशपों से मिलना

ननों के रूप में पोप के कुछ निजी कर्मचारी भी होते हैं, जो खाना बनाना और साफ़ सफ़ाई जैसे उनके घरेलू काम करते हैं। पोप का एक निजी रसोइया भी होता है। पोप बेनेडिक्ट और पोप जॉन पॉल, दोनों दो निजी सचिव भी रखते थे। पोप की ज़िम्मेदारियों में ये भी शामिल है कि वह पांच साल में कम से कम एक बार दुनिया के हर बिशप से मिलें, जिनकी संख्या पांच हज़ार से ज़्यादा है। इस तरह पोप साल में आमतौर पर एक हज़ार बिशपों यानी हफ्ते में बीस बिशपों से मिलते हैं। चर्च के क़ानून के तहत हर बिशप को रोम जाना ज़रूरी है ताकि वह बता सकें कि उनके डायोसिस में क्या हो रहा है।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 564, परिशिष्ट 'ङ' |
  2. आख़िर दिन भर क्या करते हैं पोप ? (हिंदी) bbc.com। अभिगमन तिथि: 16 मई, 2018।

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