दीवान-ए-कजा

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दीवान-ए-कजा सल्तनत काल में न्याय विभाग था। 'काजी-ए-मुमालिक' अथवा 'काजी-उल-कुजात' इस विभाग का अध्यक्ष होता था।

  • काजी-ए-मुमालिक न्याय विभाग के अधिकारियों की नियुक्ति एवं न्यायपालिका के संचालन का कार्य भी करता था। सुल्तान के बाद ये न्याय का सर्वोच्च अधिकारी होता था। इसके अधीन नायब काजी एवं अदल होते थे।
  • नियमों की व्याख्या तथा गूढ़ विषयों पर मत देने के लिए 'मुफ्ती' होते थे।
  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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