Difference between revisions of "आरासण"
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'''आरासण''' [[माउंट आबू|आबू]] के निकट [[दिलवाड़ा जैन मंदिर|दिलवाड़ा मंदिरों]] की भांति ही यहाँ भी उच्चकोटि की शिल्पकला के उदाहरण-रूप कई जैन मंदिर स्थित हैं। इनकी पत्थर की नक़्क़ाशी सराहनीय है। इसका नाम कुंभारिय भी है। इस स्थान का तीर्थमाला चैत्यवंदन नामक [[जैन]] स्तोत्र में इस प्रकार उल्लेख है- | '''आरासण''' [[माउंट आबू|आबू]] के निकट [[दिलवाड़ा जैन मंदिर|दिलवाड़ा मंदिरों]] की भांति ही यहाँ भी उच्चकोटि की शिल्पकला के उदाहरण-रूप कई जैन मंदिर स्थित हैं। इनकी पत्थर की नक़्क़ाशी सराहनीय है। इसका नाम कुंभारिय भी है। इस स्थान का तीर्थमाला चैत्यवंदन नामक [[जैन]] स्तोत्र में इस प्रकार उल्लेख है- | ||
:'कुंतिपल्लवहहारतारणगढे सोपारकारासणो। | :'कुंतिपल्लवहहारतारणगढे सोपारकारासणो। | ||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान}} | {{राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान}} |
Revision as of 13:49, 8 December 2013
arasan aboo ke nikat dilava da mandiroan ki bhaanti hi yahaan bhi uchchakoti ki shilpakala ke udaharan-roop kee jain mandir sthit haian. inaki patthar ki naqqashi sarahaniy hai. isaka nam kuanbhariy bhi hai. is sthan ka tirthamala chaityavandan namak jain stotr mean is prakar ullekh hai-
- 'kuantipallavahaharataranagadhe soparakarasano.
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