Difference between revisions of "कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 39"

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{[[तुर्क]] अपने साथ कौन-कौन से [[वाद्य यंत्र]] लाये थे?
 
|type="()"}
 
-[[सितार]] और [[बांसुरी]]
 
+[[रबाब]] और [[सारंगी]]
 
-[[वीणा]] और [[तबला]]
 
-[[तानपुरा]] और [[मृदंग]]
 
||[[चित्र:Sarangi.jpg|right|100px|सारंगी]]'सारंगी' शास्त्रीय संगीत का एक ऐसा [[वाद्य यंत्र]] है, जो [[गति]] के शब्दों और अपनी धुन के साथ इस प्रकार से मिलाप करता है कि दोनों की तारतम्यता देखते ही बनती है। [[सारंगी]] मुख्य रूप से गायकी प्रधान वाद्य यंत्र है। इसको 'लहरा' अर्थात अन्य वाद्य यंत्रों की जुगलबंदी के साथ पेश किया जाता है। [[मुस्लिम]] शासन काल में सारंगी [[नृत्य]] तथा गायन दरबार का प्रमुख [[संगीत]] था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सारंगी]] 
 
 
{निम्न में से कौन 'सेनिया घराने' से सम्बन्धित हैं?
 
|type="()"}
 
-[[हरिप्रसाद चौरसिया]]
 
-[[शिवकुमार शर्मा|पंडित शिवकुमार शर्मा]]
 
+[[अमजद अली ख़ाँ]]
 
-[[उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ]]
 
||[[चित्र:Amjad-ali-khan.jpg|right|120px|अमजद अली ख़ाँ]]'अमजद अली ख़ाँ' का जन्म [[9 अक्तूबर]], [[1945]] को [[ग्वालियर]], ([[मध्य प्रदेश]]) में हुआ था। ये एक प्रसिद्ध सरोद वादक हैं, जो अपनी वंशावली को 'सेनिया घराने' से जोड़ते हैं। [[अमजद अली ख़ाँ]] [[भारत]] के अग्रणी शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हैं। ग्वालियर के शाही परिवार के संगीतकार हाफ़िज अली ख़ां के पुत्र अमजद अली ख़ां प्रसिद्ध बंगश वंशावली की छठी पीढ़ी के हैं, जिसकी जड़ें [[संगीत]] की सेनिया बंगश शैली में हैं। इस शैली की परंपरा को बादशाह [[अकबर]] के अमर दरबारी संगीतकार मियां [[तानसेन]] के समय से जोड़ा जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अमजद अली ख़ाँ]]
 
 
{[[कत्थक नृत्य]] प्रारम्भ करने के तरीके को क्या कहते हैं?
 
|type="()"}
 
-तत्कार
 
+[[ठाट]]
 
-सलामी
 
-आमद
 
||[[सप्तक]] के 12 [[स्वर (संगीत)|स्वरों]] में से 7 क्रमानुसार मुख्य स्वरों के उस समुदाय को '[[ठाट]]' कहते हैं, जिससे [[राग]] उत्पन्न होते है। स्वर सप्तक, मेल, थाट अथवा ठाट एक ही अर्थवाचक हैं। हिन्दुस्तानी [[संगीत]] पद्धति में आजकल 10 ठाट माने जाते हैं। इन ठाटों से समस्त राग उत्पन्न माने गये हैं। [[आधुनिक काल]] में स्वर्गीय विष्णु नारायण भातखण्डे ने ठाट-पद्धति को प्रचार में लाने की कल्पना की और ठाटों की संख्या को 10 माना है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ठाट]]
 
 
{जिस [[जैन]] ग्रंथ में [[तीर्थंकर|तीर्थंकरों]] के जीवन चरित हैं, उसका नाम क्या है?
 
|type="()"}
 
-[[आदि पुराण]]
 
-उवासगदसाओ
 
-[[कल्पसूत्र]]
 
+भगवती सूत्र
 
 
{[[दक्षिण भारत]] के किस राजवंश से [[भरतनाट्यम नृत्य]] सम्बन्धित रहा है?
 
|type="()"}
 
+[[चोल राजवंश|चोल]]
 
-[[चेर वंश|चेर]]
 
-[[पाण्ड्य राजवंश|पाण्ड्य]]
 
-[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]]
 
||चोलों के विषय में प्रथम जानकारी [[पाणिनी]] कृत '[[अष्टाध्यायी]]' से मिलती है। [[चोल वंश]] के विषय में जानकारी के अन्य स्रोत हैं- [[कात्यायन]] कृत 'वार्तिक', '[[महाभारत]]', '[[संगम साहित्य]]', 'पेरिप्लस ऑफ़ दी इरीथ्रियन सी' एवं [[टॉलमी]] का उल्लेख आदि। [[चोल साम्राज्य]] आधुनिक [[कावेरी नदी]] की घाटी, [[कोरोमण्डल मैदान|कोरोमण्डल]], [[त्रिचनापल्ली]] एवं [[तंजौर]] तक विस्तृत था। इस राज्य की कोई एक स्थाई राजधानी नहीं थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चोल राजवंश|चोल]]
 
 
 
{'[[राउफ नृत्य|रउफ]]' किस राज्य की प्रमुख [[लोक नृत्य]] शैली है?
 
{'[[राउफ नृत्य|रउफ]]' किस राज्य की प्रमुख [[लोक नृत्य]] शैली है?
 
|type="()"}
 
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Latest revision as of 11:43, 2 February 2017

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band kala praangan, kala kosh, sanskriti praangan, sanskriti kosh, dharm praangan, dharm kosh

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2 nimnalikhit lok nrity aur rajyoan ke yugmoan mean kaun-sa ek sumelit nahian hai?

tamasha - maharashtr
ghoomar - hariyana
kajari - uttar pradesh
gidda - panjab

3 bhimabetaka gufaean kisake lie prasiddh hai?

gufaoan ke shailachitr
khanij
bauddh pratimaean
son nadi ka udgam sthal

4 jain dharm mean many 24 tirthankaroan ke kram mean aantim tirthankar kaun the?

parshvanath
rrishabhadev
mahavir
neminath

5 bauddh dharm mean stoop kisaka pratik hai?

mahabhinishkraman
dharmachakrapravartan
samadhi
mahaparinirvan

panne par jaean

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samany jnan prashnottari
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