Difference between revisions of "हिन्दी सामान्य ज्ञान 22"
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-नाग लिपि | -नाग लिपि | ||
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− | ||[[चित्र:Brahmi Lipi-1.jpg|ब्राह्मी लिपि|100px|right]]ब्राह्मी लिपि एक प्राचीन लिपि है जिससे कई एशियाई लिपियों का विकास हुआ है। प्राचीन ब्राह्मी लिपि के उत्कृष्ट उदाहरण सम्राट [[अशोक]] (असोक) द्वारा ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में बनवाये गये शिलालेखों के रूप में अनेक स्थानों पर मिलते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्राह्मी लिपि]] | + | ||[[चित्र:Brahmi Lipi-1.jpg|ब्राह्मी लिपि|100px|right]] ब्राह्मी लिपि एक प्राचीन लिपि है जिससे कई एशियाई लिपियों का विकास हुआ है। प्राचीन ब्राह्मी लिपि के उत्कृष्ट उदाहरण सम्राट [[अशोक]] (असोक) द्वारा ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में बनवाये गये शिलालेखों के रूप में अनेक स्थानों पर मिलते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्राह्मी लिपि]] |
{निम्नलिखित शब्दों में से किसमें व्यंजन संधि है? | {निम्नलिखित शब्दों में से किसमें व्यंजन संधि है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | -सप्तर्षि | + | -[[सप्तर्षि]] |
-निराधार | -निराधार | ||
-[[हिमालय]] | -[[हिमालय]] | ||
+सत्कार | +सत्कार | ||
− | {'[[भारत भारती]]' (काव्य) के रचयिता का नाम है? | + | {'[[भारत भारती]]' ([[काव्य]]) के रचयिता का नाम है? |
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[मैथिलीशरण गुप्त]] | +[[मैथिलीशरण गुप्त]] | ||
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-[[जयशंकर प्रसाद]] | -[[जयशंकर प्रसाद]] | ||
-[[रामधारी सिंह दिनकर]] | -[[रामधारी सिंह दिनकर]] | ||
− | ||[[चित्र:Maithilisharan-Gupt.jpg|मैथिलीशरण गुप्त|100px|right]]मैथिलीशरण गुप्त | + | ||[[चित्र:Maithilisharan-Gupt.jpg|मैथिलीशरण गुप्त|100px|right]] मैथिलीशरण गुप्त जी की प्रसिद्धी का मूलाधार भारत–भारती है। भारत–भारती उन दिनों राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम का घोषणापत्र बन गई थी। [[साकेत (महाकाव्य)|साकेत]] और जयभारत, दोनों महाकाव्य हैं। साकेत रामकथा पर आधारित है, किन्तु इसके केन्द्र में [[लक्ष्मण]] की पत्नी [[उर्मिला]] है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मैथिलीशरण गुप्त]] |
{[[सर्वनाम]] कितने प्रकार के होते हैं? | {[[सर्वनाम]] कितने प्रकार के होते हैं? | ||
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-वृद्धि | -वृद्धि | ||
− | {[[अष्टछाप]] के कवियों में प्रथम नियुक्त कीर्तनकार कवि कौन थे? | + | {[[अष्टछाप]] के कवियों में प्रथम नियुक्त कीर्तनकार [[कवि]] कौन थे? |
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-[[नन्ददास]] | -[[नन्ददास]] | ||
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+[[सूरदास]] | +[[सूरदास]] | ||
-[[कुंभनदास]] | -[[कुंभनदास]] | ||
− | ||[[चित्र:Surdas Surkuti Sur Sarovar Agra-19.jpg|सूरदास, सूरसरोवर, आगरा|100px|right]]सूरदास जी के पिता श्री रामदास गायक थे। सूरदास जी के [[जन्मांध]] होने के विषय में भी मतभेद हैं। आगरा के समीप गऊघाट पर उनकी भेंट श्री [[वल्लभाचार्य]] से हुई और वे उनके शिष्य बन गए। वल्लभाचार्य ने उनको [[वल्लभ-सम्प्रदाय|पुष्टिमार्ग]] में [[दीक्षा]] दे कर कृष्णलीला के (काव्य) पद गाने का आदेश दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूरदास]] | + | ||[[चित्र:Surdas Surkuti Sur Sarovar Agra-19.jpg|सूरदास, सूरसरोवर, आगरा|100px|right]]सूरदास जी के पिता श्री रामदास गायक थे। सूरदास जी के [[जन्मांध]] होने के विषय में भी मतभेद हैं। [[आगरा]] के समीप गऊघाट पर उनकी भेंट श्री [[वल्लभाचार्य]] से हुई और वे उनके शिष्य बन गए। वल्लभाचार्य ने उनको [[वल्लभ-सम्प्रदाय|पुष्टिमार्ग]] में [[दीक्षा]] दे कर कृष्णलीला के (काव्य) [[पद (काव्य)|पद]] गाने का आदेश दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूरदास]] |
{'[[उद्धवशतक]]' किसकी कृति है? | {'[[उद्धवशतक]]' किसकी कृति है? | ||
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