शयनरचन कला: Difference between revisions
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Latest revision as of 10:05, 4 November 2011
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। इस कला के अन्तर्गत शैय्या को भली प्रकार से लगाना है जिसमें बिछौना को सुन्दर तरीके से सुसज्जित करना है।