वाम सवैया: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''वाम सवैया के मंजरी, माधवी या मकरन्द अन्य नाम हैं।''' य...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
Line 5: Line 5:




{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
Line 12: Line 12:


==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{छन्द}}
[[Category:व्याकरण]][[Category:हिन्दी भाषा]][[Category:भाषा कोश]][[Category:छंद]]
[[Category:व्याकरण]][[Category:हिन्दी भाषा]][[Category:भाषा कोश]][[Category:छन्द]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 14:05, 1 December 2011

वाम सवैया के मंजरी, माधवी या मकरन्द अन्य नाम हैं। यह 24 वर्णों का छन्द है, जो सात जगणों और एक यगण के योग से बनता है। मत्तगयन्द के आदि में लघु वर्ण जोड़ने से यह छन्द बन जाता है। केशव और दारा ने इसका प्रयोग किया है। केशव ने मकरन्द, देव ने माधवी, दास ने मंजरी और भानु ने वाम नाम दिया है।

  • "नवै नव ग्रीव थके गीत केशव बालक ते सँग ही सँग खेली।"[1]
  • "कहे किन आजु कहा भयो तोहि, कहा कहि कान्ह कहा कहि तोसो।"[2]
  • "बसन्त से आज बने ब्रजराज सपल्लव लाल छरी बर हाथे।"[3]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रामचन्द्रिका, 24 : 11
  2. देव : शब्द रसायन, पृष्ठ 152
  3. भिखारीदास ग्र., पृष्ठ 246

धीरेंद्र, वर्मा “भाग- 1 पर आधारित”, हिंदी साहित्य कोश (हिंदी), 741।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख