गोवालिया टैंक मैदान: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) (''''गोवालिया टैंक मैदान''' (अंग्रेज़ी: ''Gowalia Tank Maidan'') को वर्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " ख़िलाफ " to " ख़िलाफ़ ") |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''गोवालिया टैंक मैदान''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gowalia Tank Maidan'') को वर्तमान में अगस्त क्रांति मैदान कहा जाता है। [[मुंबई]] के नाना चौक (ग्रांट रोड) के | [[चित्र:Gowalia tank.jpg|thumb|गोवालिया टैंक मैदान]] | ||
'''गोवालिया टैंक मैदान''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gowalia Tank Maidan'') को वर्तमान में '''अगस्त क्रांति मैदान''' कहा जाता है। [[मुंबई]] के नाना चौक (ग्रांट रोड) के क़रीब स्थित है ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान। इसी मैदान से {{#expr:{{CURRENTYEAR}}-1942}} साल पहले [[महात्मा गांधी|महात्मा गांधीजी]] ने [[8 अगस्त]], [[1942]] को [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के ख़िलाफ़ [[भारत छोड़ो आंदोलन|भारत छोड़ो]] का बिगुल फूंका था। | |||
==वर्तमान स्थिति== | ==वर्तमान स्थिति== | ||
19000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बसे इस मैदान के कुल पांच भाग हैं। इसके एक भाग में गार्डन है, जिसके बीचो-बीच गांधी स्मृति स्तंभ है। सबसे बड़ा हिस्सा अक्सर [[क्रिकेट]] खेलने के काम आता है। दो अन्य हिस्सों में बच्चों व बुजुर्गों के लिए पार्क बने हैं। एक हिस्से में छोटा ग्राउंड है। मैदान देश की सबसे बड़ी महानगरपालिका बीएमसी के अंतर्गत आता है, जो इसकी देखभाल करती है, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व युवा पीढ़ी को बताने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। अगस्त क्रांति मैदान पर आसपास के लोग सुबह, शाम जॉगिंग करते नजर आते हैं। बच्चे खेलते हुए मिलते हैं, जबकि दोपहर के वक्त यह मैदान कामकाजी लोगों का आरामगाह बन जाता है।<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/historic-august-kranti-maidan/articleshow/15405966.cms |title=ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान |accessmonthday=22 अक्टूबर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=नवभारत टाइम्स |language=हिन्दी }} </ref> | 19000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बसे इस मैदान के कुल पांच भाग हैं। इसके एक भाग में गार्डन है, जिसके बीचो-बीच गांधी स्मृति स्तंभ है। सबसे बड़ा हिस्सा अक्सर [[क्रिकेट]] खेलने के काम आता है। दो अन्य हिस्सों में बच्चों व बुजुर्गों के लिए पार्क बने हैं। एक हिस्से में छोटा ग्राउंड है। मैदान देश की सबसे बड़ी महानगरपालिका बीएमसी के अंतर्गत आता है, जो इसकी देखभाल करती है, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व युवा पीढ़ी को बताने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। अगस्त क्रांति मैदान पर आसपास के लोग सुबह, शाम जॉगिंग करते नजर आते हैं। बच्चे खेलते हुए मिलते हैं, जबकि दोपहर के वक्त यह मैदान कामकाजी लोगों का आरामगाह बन जाता है।<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/historic-august-kranti-maidan/articleshow/15405966.cms |title=ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान |accessmonthday=22 अक्टूबर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=नवभारत टाइम्स |language=हिन्दी }} </ref> | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
Line 18: | Line 18: | ||
[[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | [[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
Latest revision as of 11:38, 14 May 2013
thumb|गोवालिया टैंक मैदान गोवालिया टैंक मैदान (अंग्रेज़ी: Gowalia Tank Maidan) को वर्तमान में अगस्त क्रांति मैदान कहा जाता है। मुंबई के नाना चौक (ग्रांट रोड) के क़रीब स्थित है ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान। इसी मैदान से 83 साल पहले महात्मा गांधीजी ने 8 अगस्त, 1942 को अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ भारत छोड़ो का बिगुल फूंका था।
वर्तमान स्थिति
19000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बसे इस मैदान के कुल पांच भाग हैं। इसके एक भाग में गार्डन है, जिसके बीचो-बीच गांधी स्मृति स्तंभ है। सबसे बड़ा हिस्सा अक्सर क्रिकेट खेलने के काम आता है। दो अन्य हिस्सों में बच्चों व बुजुर्गों के लिए पार्क बने हैं। एक हिस्से में छोटा ग्राउंड है। मैदान देश की सबसे बड़ी महानगरपालिका बीएमसी के अंतर्गत आता है, जो इसकी देखभाल करती है, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व युवा पीढ़ी को बताने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। अगस्त क्रांति मैदान पर आसपास के लोग सुबह, शाम जॉगिंग करते नजर आते हैं। बच्चे खेलते हुए मिलते हैं, जबकि दोपहर के वक्त यह मैदान कामकाजी लोगों का आरामगाह बन जाता है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) नवभारत टाइम्स। अभिगमन तिथि: 22 अक्टूबर, 2012।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख