जीवक: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:बौद्ध धर्म कोश" to "Category:बौद्ध धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[मगध]]नरेश [[बिंबिसार]] का प्रसिद्ध राजवैद्य 'जीवक' [[बुद्ध]] का अनुयायी था। इसका [[आयुर्वेद]] का ज्ञान अत्यंत उच्च कोटि का था। इसकी [[माता]] का नाम सलावती था जो [[राजगृह]] की गणिका थी। उसके जन्म के बाद सलावती ने उसे घूरे पर फेंक दिया था। वहाँ [[बिम्बिसार]] के पुत्र राजकुमार अभय ने इसे प्राप्त किया। लालन पोषण के | [[मगध]]नरेश [[बिंबिसार]] का प्रसिद्ध राजवैद्य 'जीवक' [[बुद्ध]] का अनुयायी था। इसका [[आयुर्वेद]] का ज्ञान अत्यंत उच्च कोटि का था। इसकी [[माता]] का नाम सलावती था जो [[राजगृह]] की गणिका थी। उसके जन्म के बाद सलावती ने उसे घूरे पर फेंक दिया था। वहाँ [[बिम्बिसार]] के पुत्र राजकुमार अभय ने इसे प्राप्त किया। लालन पोषण के पश्चात् यह अध्ययन के लिए [[तक्षशिला]] भेजा गया, जहाँ इसने आयुर्वेद का अध्ययन किया तथा नगर के चतुर्दिक घूमकर औषधि के पौधों का ज्ञान प्राप्त किया।<ref>{{cite book | last = | first =चंद्रमौली मणि त्रिपाठी | title =दीक्षा की भारतीय परम्पराएँ | edition = | publisher = | location =भारत डिस्कवरी पुस्तकालय | language =हिंदी | pages =87 | chapter =}}</ref> | ||
अंबवन [[बिहार]] राज्य के [[राजगृह]] के निकट स्थित एक आम्रोद्यान है। [[दीघनिकाय]]<ref>[[दीघनिकाय]] 1,47,49</ref> के अनुसार [[बुद्ध|गौतम बुद्ध]] अंबवन में कुछ समय के लिए ठहरे थे। अंबवन में उद्यान राजवैद्य जीवक का था। | अंबवन [[बिहार]] राज्य के [[राजगृह]] के निकट स्थित एक आम्रोद्यान है। [[दीघनिकाय]]<ref>[[दीघनिकाय]] 1,47,49</ref> के अनुसार [[बुद्ध|गौतम बुद्ध]] अंबवन में कुछ समय के लिए ठहरे थे। अंबवन में उद्यान राजवैद्य जीवक का था। | ||
Latest revision as of 07:52, 23 June 2017
मगधनरेश बिंबिसार का प्रसिद्ध राजवैद्य 'जीवक' बुद्ध का अनुयायी था। इसका आयुर्वेद का ज्ञान अत्यंत उच्च कोटि का था। इसकी माता का नाम सलावती था जो राजगृह की गणिका थी। उसके जन्म के बाद सलावती ने उसे घूरे पर फेंक दिया था। वहाँ बिम्बिसार के पुत्र राजकुमार अभय ने इसे प्राप्त किया। लालन पोषण के पश्चात् यह अध्ययन के लिए तक्षशिला भेजा गया, जहाँ इसने आयुर्वेद का अध्ययन किया तथा नगर के चतुर्दिक घूमकर औषधि के पौधों का ज्ञान प्राप्त किया।[1] अंबवन बिहार राज्य के राजगृह के निकट स्थित एक आम्रोद्यान है। दीघनिकाय[2] के अनुसार गौतम बुद्ध अंबवन में कुछ समय के लिए ठहरे थे। अंबवन में उद्यान राजवैद्य जीवक का था।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख