इरोद: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
नवनीत कुमार (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org") |
||
(2 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''इरोद''' [[तमिलनाडु |तमिलनाडु राज्य]] के [[कोयंबटूर |कोयंबटूर ज़िले]] का एक नगर है, जो [[मद्रास]] से 243 मील दूर, [[कावेरी नदी]] के दाहिने तट पर स्थित है। यहाँ की स्थिति 11° 21' उत्तरी अक्षांश तथा 77° 43' पूर्वी देशांतर है। यह नगर दक्षिण रेलवे का एक जंक्शन है। यह नगर पूर्ण रूप से विकसित तथा सभी सुविधाओं से संपन्न है।<ref name="nn">{{cite web |url=http:// | '''इरोद''' [[तमिलनाडु |तमिलनाडु राज्य]] के [[कोयंबटूर |कोयंबटूर ज़िले]] का एक नगर है, जो [[मद्रास]] से 243 मील दूर, [[कावेरी नदी]] के दाहिने तट पर स्थित है। यहाँ की स्थिति 11° 21' उत्तरी अक्षांश तथा 77° 43' पूर्वी देशांतर है। यह नगर दक्षिण रेलवे का एक जंक्शन है। यह नगर पूर्ण रूप से विकसित तथा सभी सुविधाओं से संपन्न है।<ref name="nn">{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%87%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%A6|title=इरोद|accessmonthday=1 अगस्त|accessyear=2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भरतखोज|language=हिन्दी}}</ref> | ||
*17वीं शताब्दी के प्रारंभ में यह छोटा-सा कस्बा था, [[हैदरअली]] के समय में नगर की पर्याप्त उन्नति हुई तथा यहाँ की जनसंख्या 15000 हो गई। | *17वीं शताब्दी के प्रारंभ में यह छोटा-सा कस्बा था, [[हैदरअली]] के समय में नगर की पर्याप्त उन्नति हुई तथा यहाँ की जनसंख्या 15000 हो गई। | ||
*18वीं शताब्दी के अंत में समय के फेर तथा राजनीतिक उथल पुथल के कारण, यह नगर [[मराठा]], [[मैसूर|मैसूर राज्य]] तथा [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] की विभिन्न चढ़ाइयों के कारण पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया था। | *18वीं शताब्दी के अंत में समय के फेर तथा राजनीतिक उथल पुथल के कारण, यह नगर [[मराठा]], [[मैसूर|मैसूर राज्य]] तथा [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] की विभिन्न चढ़ाइयों के कारण पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया था। | ||
*[[टीपू सुल्तान]] तथा अंग्रेजों | *[[टीपू सुल्तान]] तथा अंग्रेजों में संधि 1792 ई. में हुई थी, इसके बाद लोग आकर यहाँ बसे तथा एक ही [[वर्ष]] में यहाँ की जनसंख्या 20,000 हो गई। | ||
*यहाँ की व्यवस्था [[1871]] ई. के अनुसार नगरपालिका द्वारा हो रही है। | *यहाँ की व्यवस्था [[1871]] ई. के अनुसार नगरपालिका द्वारा हो रही है। | ||
*इरोद नगर पूर्ण रूप से विकसित तथा सभी सुविधाओं से संपन्न है। | *इरोद नगर पूर्ण रूप से विकसित तथा सभी सुविधाओं से संपन्न है। | ||
*यहाँ दो प्राचीन मंदिर हैं, जिन पर [[तमिल भाषा]] में लिखे हुए ऐतिहासिक महत्व के भित्ति लेख हैं। | *यहाँ दो प्राचीन मंदिर हैं, जिन पर [[तमिल भाषा]] में लिखे हुए ऐतिहासिक महत्व के भित्ति लेख हैं। | ||
*इरोद अपने क्षेत्र का प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र हैं। यहाँ मुख्य रूप से [[कपास]] का व्यवसाय होता है। | |||
*यह नगर अब बहुत अच्छा हो गया है। | *यह नगर अब बहुत अच्छा हो गया है। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Latest revision as of 12:26, 25 October 2017
इरोद तमिलनाडु राज्य के कोयंबटूर ज़िले का एक नगर है, जो मद्रास से 243 मील दूर, कावेरी नदी के दाहिने तट पर स्थित है। यहाँ की स्थिति 11° 21' उत्तरी अक्षांश तथा 77° 43' पूर्वी देशांतर है। यह नगर दक्षिण रेलवे का एक जंक्शन है। यह नगर पूर्ण रूप से विकसित तथा सभी सुविधाओं से संपन्न है।[1]
- 17वीं शताब्दी के प्रारंभ में यह छोटा-सा कस्बा था, हैदरअली के समय में नगर की पर्याप्त उन्नति हुई तथा यहाँ की जनसंख्या 15000 हो गई।
- 18वीं शताब्दी के अंत में समय के फेर तथा राजनीतिक उथल पुथल के कारण, यह नगर मराठा, मैसूर राज्य तथा अंग्रेज़ों की विभिन्न चढ़ाइयों के कारण पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया था।
- टीपू सुल्तान तथा अंग्रेजों में संधि 1792 ई. में हुई थी, इसके बाद लोग आकर यहाँ बसे तथा एक ही वर्ष में यहाँ की जनसंख्या 20,000 हो गई।
- यहाँ की व्यवस्था 1871 ई. के अनुसार नगरपालिका द्वारा हो रही है।
- इरोद नगर पूर्ण रूप से विकसित तथा सभी सुविधाओं से संपन्न है।
- यहाँ दो प्राचीन मंदिर हैं, जिन पर तमिल भाषा में लिखे हुए ऐतिहासिक महत्व के भित्ति लेख हैं।
- इरोद अपने क्षेत्र का प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र हैं। यहाँ मुख्य रूप से कपास का व्यवसाय होता है।
- यह नगर अब बहुत अच्छा हो गया है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख