अंखिका: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''अंखिका''' - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत अक्षि)<ref>{...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
[[आँख]], नेत्र। | [[आँख]], नेत्र। | ||
;उदाहरण | |||
" लजै भजै मनं गतीय पुव्वता कबी कहै। सुख अंखिका कुरंग गति भान देषिता रहै।"<ref>[[पृथ्वीराजरासो]], 21।45</ref> | ;उदाहरण - " लजै भजै मनं गतीय पुव्वता कबी कहै। सुख अंखिका कुरंग गति भान देषिता रहै।"<ref>[[पृथ्वीराजरासो]], 21।45</ref> | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Latest revision as of 12:48, 2 January 2020
अंखिका - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत अक्षि)[1]
आँख, नेत्र।
- उदाहरण - " लजै भजै मनं गतीय पुव्वता कबी कहै। सुख अंखिका कुरंग गति भान देषिता रहै।"[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 04 |
- ↑ पृथ्वीराजरासो, 21।45