Template:एक व्यक्तित्व: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(7 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
 
<h4>[[एक व्यक्तित्व]]</h4>
{| style="background:transparent; width:100%"
<div class="hamariaapki-new headbg34">
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">एक व्यक्तित्व</font>
[[चित्र:Rahul Sankrityayan.JPG|right|90px|link=राहुल सांकृत्यायन|border]]
|-
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
[[चित्र:Cd-deshmukh.jpg|right|80px|link=सी. डी. देशमुख|border]]
<poem>
<poem>
         '''[[सी. डी. देशमुख]]''' [[ब्रिटिश शासन]] के अधीन आई.सी.एस. अधिकारी और [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] के तीसरे [[भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर|गवर्नर]] थे। इनका जन्म [[महाराष्ट्र]] के [[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़ ज़िले]] में 14 जनवरी, 1896 ई. को हुआ। इनके पिता द्वारकानाथ देशमुख एक सम्मानित वकील और माँ भागीरथी बाई एक धार्मिक महिला थी। देशमुख ने 1912 में [[मुम्बई विश्वविद्यालय|बंबई विश्वविद्यालय]] से मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। साथ ही इन्होंने [[संस्कृत]] की जगन्नाथ शंकर सेट छात्रवृत्ति भी हासिल की। 1917 में इन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से नेचुरल साइंस से, वनस्पति शास्त्र, रसायन शास्त्र तथा भूगर्भ शास्त्र लेकर, ग्रेजुएशन पास किया। अपने विभिन्न योगदानों के लिए इन्हें [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] द्वारा 'डॉक्टर ऑफ़ साइंस' (1957), [[रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]] (1959), [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्म विभूषण]] (1975) से सम्मानित किया गया।  [[सी. डी. देशमुख|... और पढ़ें]]
         '''[[राहुल सांकृत्यायन|महापण्डित राहुल सांकृत्यायन]]''' को '''हिन्दी यात्रा साहित्य''' का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। [[बौद्ध धर्म]] पर उनका शोध [[हिन्दी साहित्य]] में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने [[तिब्बत]] से लेकर [[श्रीलंका]] तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो [[पाली]], [[प्राकृत]], [[अपभ्रंश]], तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो [[कार्ल मार्क्स]], लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी [[इतिहास]], [[पुरातत्त्व]], [[स्थापत्य कला|स्थापत्य]], भाषाशास्त्र एवं [[राजनीति कोश|राजनीति शास्त्र]] के अच्छे ज्ञाता थे। [[राहुल सांकृत्यायन|... और पढ़ें]]
</poem>
</poem>
<center>
<center>
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3"
{|  
|-
|-
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| [[खाशाबा जाधव]]  
|[[ओंकारनाथ ठाकुर|पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर]]
| [[नज़ीर अकबराबादी]]  
| [[जे. आर. डी. टाटा]]  
|}</center>
| [[आर. के. लक्ष्मण]]  
|}<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>
|}
</center>
</div>
<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>

Latest revision as of 14:03, 6 April 2020

एक व्यक्तित्व

right|90px|link=राहुल सांकृत्यायन|border

        महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें

पिछले लेख पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर जे. आर. डी. टाटा आर. के. लक्ष्मण