विजय शेखर शर्मा: Difference between revisions

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Latest revision as of 11:40, 10 November 2020

विजय शेखर शर्मा
पूरा नाम विजय शेखर शर्मा
जन्म 15 जुलाई, 1978
जन्म भूमि अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
पति/पत्नी मृदुला शर्मा
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र उद्योग, व्यापार
विद्यालय दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग
प्रसिद्धि पेटीऍम संस्थापक और सीईओ
नागरिकता भारतीय

विजय शेखर शर्मा (अंग्रेज़ी: Vijay Shekhar Sharma, जन्म- 15 जुलाई, 1978, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश) एक भारतीय उद्यमी हैं, जिन्होंने पेटीऍम को बाज़ार में उतारा। नए व्यापारों में निवेश का जोखिम उठाना उनका शौक है। किराने का सामान, ऑटो वाले को पैसे देते वक्त छुट्टे की दिक्कत ने विजय शेखर शर्मा को पेटीएम जैसी कंपनी बनाने के लिए प्रेरित किया। पेटीएम को 2011 में लांच किया गया था। बिजनेस बढ़ने पर पेटीएम में ऑनलाइन वॉलेट, मोबाइल रिचार्ज, बिल पेमेंट, मनी ट्रान्सफर, शॉपिंग और बैंकिंग जैसे फीचर भी जोड़ दिए।

परिचय

विजय शेखर शर्मा का जन्म 15 जुलाई, 1978 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में हुआ था। इन्होंने मातृ शिक्षा दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज से पूर्ण की। वह अलीबाबा के संस्थापक जैक मा और सॉफ्टबैंक के मासाओशी बेटे को उनके प्रेरणा के रूप में बताते हैं। उन्होंने 15 साल की उम्र में कॉलेज शुरू किया था। 1997 में, जब महाविद्यालय में, वेबसाइट indiasite.net शुरू की और इसे दो साल बाद 10 लाख ड़ॉलर में बेच दिया। उच्‍च शिक्षा के लिये विजय शेखर शर्मा ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एड़मिशन लिया, यहॉ उनके आड़े आयी अंग्रेज़ी, चूंकि वह हिंदी मीड़ियम स्‍कूल से पढ़े थे, इसलिये अंग्रेेजी न आने की वजह से यहाँ उन्‍हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन अंग्रेजी न आने की वजह से उन्‍होंने अपना आत्‍मविश्‍वास कमजोर नहीं होने दिया।[1]

विजय शेखर शर्मा मिड़िल क्‍लास परिवार से थे, वह पैसे की अहमियत जानते थे। जब वह पढ़ाई कर रहे थे तभी पढ़ाई के दौरान ही अपने एक दोस्त के साथ मिलकर बिज़नेस शुरू कर दिया था। फिर बाद में उसे अमेरिकन कंपनी लोटस इंटरवर्क्स को बेच दिया और अपनी ही कंपनी में नौकरी करने लग गये इससे उन्‍हें अच्‍छा खासा मुनाफा हुआ, करीब एक साल बाद कुछ अलग करने के लिये उन्‍होंने इस कंपनी की नौकरी को छोड़ दिया।

कठिन समय

नौकरी छोड़ने के बाद उन्‍होंने अपनी एक नई कंपनी शुरू की, जिसका नाम था 'One97', लेकिन यह ठीक से नहीं चल पायी। सालभर में उन्‍हें काफी घाटा झेेलना पड़ा। हालत इतनी खराब हो गयी कि एक-एक पैसे बचाने के लिए उन्‍हें काफी मेहनत करनी पड़ती थी। बस का किराया बचाने के लिये वह पैदल चलते थे। कभी-कभी पूरा दिन सिर्फ दो प्याली चाय पर ही गुजर जाता था। यहां तक की उनका कोई विवाह करने को भी तैयार नहीं था। इस बीच वह लोगों के घर जाकर कंप्‍यूटर रिपेयर करने का काम करते थे।

पेटीऍम का विचार

जब बात एक-एक पैसा बचाने की थी तो विजय शेखर शर्मा के जीवन में छुट्टे पैसे बहुत अहम थे, लेकिन उन्‍होंने देखा कि चाहे ऑटो वाला हो, चाहे दुकान वाला या रिक्‍शेे वाला, सभी जगह उन्‍हें छुट्टे पैसे के लिये बहुत परेशान होना पड़ता था और यहीं से उनके दिमाग में आयड़िया आया 'पेटीएम' (Paytm) बनाने का। पेटीएम की शुरुआत 2010 में हुई।

उनके निवेशकों में चीन की नामी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के मालिक जैक मा और रतन टाटा शामिल हैं। अपने इस संघर्षों से भरे सफर के बारे में बात करते हुए विजय शेखर शर्मा ने कहा कि ‘कोई फर्क नहीं पड़़ता कि आप किसी जगह से आए हैं। बस कुछ चाहिए तो वो है लगन या तो आप अंदर रहेंगे या फिर बाहर।’

बिज़नस सफ़र

विजय शेखर शर्मा ने इस खाली समय का उपयोग सॉफ्टवेयर कोडिंग सीखने में लगा दिया। उनका बिज़नस सफ़र कॉलेज के दिनों में ही शुरू हुआ जब उन्होंने मित्रों के साथ मिलकर एक कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम indiasite.net बनाया। जिसमे इन्वेस्टर्स ने पैसा लगाया था। दो साल बाद इसको बेचने से मिले 1 मिलियन ड़ॉलर से विजय ने 'One97 Communications Ltd.' नाम की मोबाइल वैल्यू एडेड सर्विस देने वाली कंपनी खोली। One97 Communications Ltd. मोबाइल के लिए तरह-तरह के कंटेंट जैसे एग्जाम रिजल्ट्स, रिंगटोन्स, समाचार, क्रिकेट स्कोर, जोक्स प्रदान करती है।

अमेरिका की 9/11 त्रासदी का असर मार्केट पर इस कदर पड़ा कि रातोंरात कितने ही बिज़नस तबाह हुए और One97 Communications Ltd. भी इसका शिकार हुआ। पेटीएम की ग्राहक हच और एयरटेल जैसी बड़ी कम्पनियां समय पर भुगतान नहीं कर पा रही थीं। अपने स्टाफ, कर्मचारियों को सैलरी विजय शेखर शर्मा ने दोस्तों, रिश्तेदारों से 24% की सालाना ब्याज दर पर पैसा लोन लेकर दिया। उनके पैसे खत्म हो चुके थे और उन्हें अपने निजी जीवन में भी कई सुविधाओं का त्याग करना पड़ा। विजय कार छोड़कर बस-ऑटो से सफर करने लगे पर सपना देखना नहीं छोड़ा, क्योंकि जीतने का राज़ हिम्मत न हारना ही है। पैसे की तंगी बढ़ी तो विजय शेखर शर्मा बतौर कंसलटेंट एक जगह नौकरी करने लगे।

पुरस्कार व सम्मान

  • ऑनोरिस कौसा ड़ॉक्टर ऑफ साइंसेज (ड़ीएससी) ड़िग्री, एमिटी यूनिवर्सिटी गुड़़गांव, 2016
  • इंडिया टुडे पत्रिका ने 2017 की सूची में भारत के 50 सबसे शक्तिशाली लोगों में 18वां स्थान दिया।
  • जीक्यू इंडिया ने उन्हें 2017 के लिए 50 सबसे प्रभावशाली युवा भारतीयों में शामिल किया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विजय शेखर शर्मा की जीवनी (हिंदी) jivani.org। अभिगमन तिथि: 10 नवंबर, 2020।

बाहरी कड़ियाँ

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