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<h4>[[एक व्यक्तित्व]]</h4>
| class="bg45" style="border:1px solid #d7d8ec;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div  style="background:#dadbe2; border:1px solid #a0a4c8; padding-left:8px;"><span style="color:#34341B;">'''एक व्यक्तित्व'''</span></div>
<div class="hamariaapki-new headbg34">
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[सत्यजित राय]]'''</div>
[[चित्र:Rahul Sankrityayan.JPG|right|90px|link=राहुल सांकृत्यायन|border]]
<div id="rollnone"> [[चित्र:Satyajit-Ray.jpg|right|100px|सत्यजित राय|link=सत्यजित राय]] </div>
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* विश्व सिनेमा में भारतीय फ़िल्मों को नई पहचान दिलाने वाले सत्यजित राय का जन्म [[2 मई]], [[1921]] को [[कलकत्ता]] ([[कोलकाता]]) में हुआ।
        '''[[राहुल सांकृत्यायन|महापण्डित राहुल सांकृत्यायन]]''' को '''हिन्दी यात्रा साहित्य''' का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। [[बौद्ध धर्म]] पर उनका शोध [[हिन्दी साहित्य]] में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने [[तिब्बत]] से लेकर [[श्रीलंका]] तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो [[पाली]], [[प्राकृत]], [[अपभ्रंश]], तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो [[कार्ल मार्क्स]], लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी [[इतिहास]], [[पुरातत्त्व]], [[स्थापत्य कला|स्थापत्य]], भाषाशास्त्र एवं [[राजनीति कोश|राजनीति शास्त्र]] के अच्छे ज्ञाता थे। [[राहुल सांकृत्यायन|... और पढ़ें]]
* सत्यजित राय बीसवीं शताब्दी के '''विश्व की महानतम फ़िल्मी हस्तियों में से एक''' थे, जिन्होंने यथार्थवादी धारा की फ़िल्मों को नई दिशा देने के अलावा [[साहित्य]], [[चित्रकला]] जैसी अन्य विधाओं में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।
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*सत्यजित राय फ़िल्म निर्माण से संबंधित कई काम ख़ुद ही करते थे; जिनमें निर्देशन, छायांकन, पटकथा, पार्श्व संगीत, कला निर्देशन, संपादन आदि शामिल हैं। फ़िल्मकार के अलावा वह कहानीकार, चित्रकार, फ़िल्म आलोचक भी थे।
* सत्यजित राय ने '''सबसे ज़्यादा [[राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार]] जीते हैं।''' उन्होंने और उनके काम ने '''कुल 32 राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार''' प्राप्त किये।
* सत्यजित राय '''[[भारत रत्न]]''' के अतिरिक्त [[पद्म श्री]] (1958), [[पद्म भूषण]] (1965), [[पद्म विभूषण]] (1976) और रमन मैगसेसे पुरस्कार (1967) से सम्मानित हैं।
* विश्व सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान के लिए '''मानद ऑस्कर अवॉर्ड''' से सम्मानित सत्यजित राय का [[23 अप्रॅल]], [[1992]] को [[कोलकाता]] में स्वर्गवास हुआ '''[[सत्यजित राय|.... और पढ़ें]]'''
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| '''पिछले लेख→'''
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| [[सरोजिनी नायडू]] '''·'''
|[[ओंकारनाथ ठाकुर|पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर]]
| [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]  
| [[जे. आर. डी. टाटा]]
| [[आर. के. लक्ष्मण]]  
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एक व्यक्तित्व

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        महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें

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