ओरलोव हीरा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''ओरलोव हीरा''' भारत का गुलाबनुमा रत्न था। रोमोनोव ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replacement - " महान " to " महान् ")
 
(2 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 3: Line 3:
*इस [[हीरा|हीरे]] का वज़न लगभग 200 कैरॅट था।
*इस [[हीरा|हीरे]] का वज़न लगभग 200 कैरॅट था।
*एक दंतकथा के अनुसार, यह किसी समय [[मैसूर]] (वर्तमान [[कर्नाटक]]) के एक ब्राह्मण मंदिर में एक मूर्ति की आंख था, जिसे एक [[फ़्राँसीसी]] सैनिक भगोड़ा चुराकर [[मद्रास]] ले भागा।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-1|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=272|url=}}</ref>
*एक दंतकथा के अनुसार, यह किसी समय [[मैसूर]] (वर्तमान [[कर्नाटक]]) के एक ब्राह्मण मंदिर में एक मूर्ति की आंख था, जिसे एक [[फ़्राँसीसी]] सैनिक भगोड़ा चुराकर [[मद्रास]] ले भागा।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-1|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=272|url=}}</ref>
*अन्य लोगों का दावा है कि ओरलोव का प्रामाणिक [[इतिहास]] 18वीं [[शताब्दी]] के मध्य का है, जब यह [[रत्न]]<ref>मान्यता है कि यह महान [[मुग़ल|मुग़लों]] का खोया हुआ [[हीरा]] था।</ref> [[फ़ारस]] के बादशाह [[नादिरशाह]] का था।
*अन्य लोगों का दावा है कि ओरलोव का प्रामाणिक [[इतिहास]] 18वीं [[शताब्दी]] के मध्य का है, जब यह [[रत्न]]<ref>मान्यता है कि यह महान् [[मुग़ल|मुग़लों]] का खोया हुआ [[हीरा]] था।</ref> [[फ़ारस]] के बादशाह [[नादिरशाह]] का था।
*नादिरशाह की हत्या के बाद यह हीरा चोरी हो गया और इसे शाफ़रास नामक आर्मिनियाई लखपति को बेच दिया गया।
*नादिरशाह की हत्या के बाद यह हीरा चोरी हो गया और इसे शाफ़रास नामक आर्मिनियाई लखपति को बेच दिया गया।
*1774 ई. में ओरलोव को काउंट ग्रिगरी ग्रिगोएविच ने खरीदा, जिसने इसे सम्राज्ञी कैथरीन द्वितीय महान का वरदहस्त प्राप्त करने के असफल प्रयास में उसे भेंट कर दिया।
*1774 ई. में ओरलोव को काउंट ग्रिगरी ग्रिगोएविच ने ख़रीदा, जिसने इसे सम्राज्ञी कैथरीन द्वितीय महान् का वरदहस्त प्राप्त करने के असफल प्रयास में उसे भेंट कर दिया।
*कैथरीन ने इसे रोमोनोव शाही राजदंड में जड़वा दिया और अब यह मास्को में [[रूस]] के हीरा-कोष<ref>जिसमें ज़ार की वैभव सामग्री है।</ref> का हिस्सा है।
*कैथरीन ने इसे रोमोनोव शाही राजदंड में जड़वा दिया और अब यह मास्को में [[रूस]] के हीरा-कोष<ref>जिसमें ज़ार की वैभव सामग्री है।</ref> का हिस्सा है।


Line 13: Line 13:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{रत्न}}
{{रत्न}}
[[Category:रत्न और जवाहिरात]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:]]
[[Category:रत्न और जवाहिरात]][[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 14:15, 30 June 2017

ओरलोव हीरा भारत का गुलाबनुमा रत्न था। रोमोनोव ताज में लगे रत्नों में से यह एक था। यह आधे अंडे के आकार का था, जिसकी गुंबदकारी सतह फलकित थी और निचला भाग लगभग समतल था।

  • इस हीरे का वज़न लगभग 200 कैरॅट था।
  • एक दंतकथा के अनुसार, यह किसी समय मैसूर (वर्तमान कर्नाटक) के एक ब्राह्मण मंदिर में एक मूर्ति की आंख था, जिसे एक फ़्राँसीसी सैनिक भगोड़ा चुराकर मद्रास ले भागा।[1]
  • अन्य लोगों का दावा है कि ओरलोव का प्रामाणिक इतिहास 18वीं शताब्दी के मध्य का है, जब यह रत्न[2] फ़ारस के बादशाह नादिरशाह का था।
  • नादिरशाह की हत्या के बाद यह हीरा चोरी हो गया और इसे शाफ़रास नामक आर्मिनियाई लखपति को बेच दिया गया।
  • 1774 ई. में ओरलोव को काउंट ग्रिगरी ग्रिगोएविच ने ख़रीदा, जिसने इसे सम्राज्ञी कैथरीन द्वितीय महान् का वरदहस्त प्राप्त करने के असफल प्रयास में उसे भेंट कर दिया।
  • कैथरीन ने इसे रोमोनोव शाही राजदंड में जड़वा दिया और अब यह मास्को में रूस के हीरा-कोष[3] का हिस्सा है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत ज्ञानकोश, खण्ड-1 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 272 |
  2. मान्यता है कि यह महान् मुग़लों का खोया हुआ हीरा था।
  3. जिसमें ज़ार की वैभव सामग्री है।

संबंधित लेख