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<h4>[[एक व्यक्तित्व]]</h4>
| class="headbg6" style="border:1px solid #D0D09D;padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg5" style="padding-left:8px;"><span style="color:#34341B;">'''एक व्यक्तित्व'''</span></div>
<div class="hamariaapki-new headbg34">
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[[चित्र:Rahul Sankrityayan.JPG|right|90px|link=राहुल सांकृत्यायन|border]]
<div align="center" style="color:#34341B;">'''भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू'''</div>
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<div id="rollnone"> [[चित्र:Jawahar-Lal-Nehru.jpg|right|100px|जवाहरलाल नेहरू|link=जवाहरलाल नेहरू]] </div>
        '''[[राहुल सांकृत्यायन|महापण्डित राहुल सांकृत्यायन]]''' को '''हिन्दी यात्रा साहित्य''' का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। [[बौद्ध धर्म]] पर उनका शोध [[हिन्दी साहित्य]] में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने [[तिब्बत]] से लेकर [[श्रीलंका]] तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो [[पाली]], [[प्राकृत]], [[अपभ्रंश]], तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो [[कार्ल मार्क्स]], लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी [[इतिहास]], [[पुरातत्त्व]], [[स्थापत्य कला|स्थापत्य]], भाषाशास्त्र एवं [[राजनीति कोश|राजनीति शास्त्र]] के अच्छे ज्ञाता थे। [[राहुल सांकृत्यायन|... और पढ़ें]]
*नेहरू जी का जन्म [[इलाहाबाद]] में [[14 नवम्बर]] 1889 ई॰ को हुआ।
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*नेहरू जी [[पं॰ मोतीलाल नेहरू]] और [[स्वरूप रानी नेहरू|श्रीमती स्वरूप रानी]] के एकमात्र पुत्र थे।
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*नेहरू जी शिक्षा के लिए [[इंग्लैण्ड]] के हैरो स्कूल के बाद, केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए, जहाँ उन्होंने तीन वर्ष तक अध्ययन करके प्रकृति विज्ञान में स्नातक उपाधि प्राप्त की।
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*मार्च 1916 में नेहरू जी का विवाह कमला कौल के साथ हुआ, जो [[दिल्ली]] में बसे कश्मीरी परिवार की थीं।
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*उनकी अकेली संतान '''इंदिरा प्रियदर्शिनी''' थीं, जो विवाहोपरांत [[इंदिरा गाँधी]], नाम से [[भारत]] की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं।
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
*1916 ई॰ के [[लखनऊ]] अधिवेशन में वे सर्वप्रथम [[महात्मा गाँधी]] के सम्पर्क में आये। गाँधी जी उनसे 20 साल बड़े थे। दोनों में से किसी ने भी आरंभ में एक-दूसरे को बहुत प्रभावित नहीं किया।
|[[ओंकारनाथ ठाकुर|पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर]]
*1928 ई॰ में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महामंत्री बने और 1929 के लाहौर अधिवेशन के बाद नेहरू जी देश के बुद्धिजीवियों और युवाओं के नेता के रूप में उभरे।
| [[जे. आर. डी. टाटा]]
*पंडित नेहरू एक महान राजनीतिज्ञ और प्रभावशाली वक्ता ही नहीं, ख्यातिलब्ध लेखक भी थे। उनकी आत्मकथा 1936 ई॰ में प्रकाशित हुई और संसार के सभी देशों में उसका आदर हुआ।
| [[आर. के. लक्ष्मण]]  
*27 मई, 1964 को दिल्ली में दिल का दौरा पड़ जाने के कारण नेहरू जी मृत्यु हुई।  [[जवाहरलाल नेहरू|.... और पढ़ें]]
|}
<noinclude>|} [[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude>
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<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>

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एक व्यक्तित्व

right|90px|link=राहुल सांकृत्यायन|border

        महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें

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