के. वी. कृष्ण राव: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 54: Line 54:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{मणिपुर के राज्यपाल‎}}{{भारतीय सेना}}{{राज्यपाल}}
{{जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल}}{{मणिपुर के राज्यपाल‎}}{{भारतीय सेना}}{{राज्यपाल}}
[[Category:राज्यपाल]][[Category:जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल]][[Category:मणिपुर के राज्यपाल]][[Category:नागालैंड के राज्यपाल]][[Category:मिज़ोरम के राज्यपाल]][[Category:त्रिपुरा के राज्यपाल]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:राज्यपाल]][[Category:जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल]][[Category:मणिपुर के राज्यपाल]][[Category:नागालैंड के राज्यपाल]][[Category:मिज़ोरम के राज्यपाल]][[Category:त्रिपुरा के राज्यपाल]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 09:26, 14 June 2022

के. वी. कृष्ण राव
पूरा नाम के. वी. कृष्ण राव
जन्म 16 जुलाई, 1923
जन्म भूमि मद्रास (आज़ादी पूर्व)
मृत्यु 30 जनवरी, 2016
मृत्यु स्थान नई दिल्ली
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि भूतपूर्व भारतीय थल सेना प्रमुख
पद राज्यपाल, जम्मू और कश्मीर

पहली बार- 11 जुलाई, 1989 से 19 जनवरी, 1990
दूसरी बार- 12 मार्च, 1993 से 2 मई, 1999
राज्यपाल, मणिपुर- 2 जून, 1984 से 7 जुलाई, 1989
राज्यपाल, नागालैंड- 13 जून, 1984 से 19 जुलाई, 1989
राज्यपाल, मिज़ोरम- 1 मई, 1989 से 20 जुलाई, 1989
राज्यपाल, त्रिपुरा- 14 जून, 1984 से 11 जुलाई, 1989
11वें थल सेना प्रमुख- 1 जून, 1981 से 31 जुलाई, 1983

अन्य जानकारी के. वी. कृष्ण राव ने 1947 में बंटवारे से पहले पूर्वी और पश्चिमी पंजाब दोनों जगहों पर सेवा दी, जिस दौरान वहां हिंसा का माहौल था।

के. वी. कृष्ण राव (अंग्रेज़ी: Kotikalapudi Venkata Krishna Rao, जन्म- 16 जुलाई, 1923; मृत्यु- 30 जनवरी, 2016) भूतपूर्व भारतीय थल सेना प्रमुख थे। उन्होंने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। के. वी. कृष्ण राव 1989-1990 में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, जब राज्य में आतंकवाद अपने चरम पर था। वह भारतीय सेना के 14वें प्रमुख थे और सेना में उन्होंने चार दशक से ज्यादा समय तक सेवा दी।


  • के. वी. कृष्ण राव 9 अगस्त, 1942 को सेना का हिस्सा बने थे।
  • युवा अधिकारी के तौर पर उन्होंने बर्मा, नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर और बलूचिस्तान में सेवा दी।
  • उन्होंने 1947 में बंटवारे से पहले पूर्वी और पश्चिमी पंजाब दोनों जगहों पर सेवा दी, जिस दौरान वहां हिंसा का माहौल था।
  • पाकिस्तान के खिलाफ 1947-1948 में जम्मू-कश्मीर में हुए युद्ध में के. वी. कृष्ण राव शामिल थे
  • वह 1949-1951 के दौरान राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के संस्थापक प्रशिक्षक थे।
  • सेना ने एक बयान में कहा था कि के. वी. कृष्ण राव ने माउंटेन डिवीजन की कमान संभाली थी, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में हिस्सा लिया था। उन्हें इस युद्ध में असाधारण नेतृत्व, साहस, संकल्प और ऊर्जा दिखाने के लिए 'परम वशिष्ठ सेवा मेडल' से सम्मानित किया गया था।[1]
  • के. वी. कृष्ण राव का निधन 30 जनवरी, 2016 को हुआ। तत्कालीन भारतीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा था, 'देश ने अपने सबसे मशहूर सैन्य नेताओं में से एक खो दिया। वह एक दूरदर्शी थे, जिन्होंने कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया, सैनिकों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया और 1980 के दशक की शुरुआत में भारतीय सेना में आधुनिकीकरण की शुरुआत की"।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

  1. पुनर्प्रेषित साँचा:राज्यपाल, उपराज्यपाल व प्रशासक