तख्त श्री पटना साहिब: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:सिक्ख धर्म कोश" to "Category:सिक्ख धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
||
(9 intermediate revisions by 4 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Takht-Sri-Patna-Sahib.jpg|thumb|250px|तख्त श्री पटना साहिब]] | |||
* | '''तख्त श्री पटना साहिब''' को 'तख्त श्री हरमन्दिरजी साहिब' और 'पटना सहिब' के नामों से भी जाना जाता हैं। | ||
* | *तख्त श्री पटना साहिब [[बिहार]] राज्य के [[पटना]] शहर में स्थित एक गुरुद्वारा है। | ||
* यह स्थान | *पटना साहिब सिक्खों के दसवें और अन्तिम [[गुरु गोविंद सिंह]] का जन्म वर्ष 1664 ई. में हुआ था। | ||
* | *यह स्थान सिक्ख धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र है। सिक्खों के लिए हरमंदिर साहब पाँच प्रमुख तख्तों में से एक है। | ||
* बालक गोविन्दराय के बचपन का पंगुरा (पालना), लोहे के चार तीर, तलवार, पादुका तथा 'हुकुमनामा' गुरुद्वारे में सुरक्षित है। | *गुरुद्वारे का निर्माण महाराजा [[रणजीत सिंह]] ने करवाया था। सिक्खों का यह पवित्रतम स्थल है। | ||
* गुरु नानक देव की वाणी से अतिप्रभावित पटना के श्री सलिसराय जौहरी ने अपने महल को धर्मशाला बनवा दिया। भवन के इस हिस्से को मिलाकर गुरुद्वारे का निर्माण किया गया है। | *बालक गोविन्दराय के बचपन का पंगुरा (पालना), [[लोहा|लोहे]] के चार तीर, तलवार, पादुका तथा 'हुकुमनामा' गुरुद्वारे में सुरक्षित है। | ||
* यहाँ | *गुरु नानक देव की वाणी से अतिप्रभावित पटना के श्री सलिसराय जौहरी ने अपने महल को धर्मशाला बनवा दिया। भवन के इस हिस्से को मिलाकर गुरुद्वारे का निर्माण किया गया है। | ||
* यह स्थान दुनिया भर में फैले सिक्ख धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र है। | *यहाँ गुरु गोविंद सिंह से संबंधित अनेक प्रमाणिक वस्तुएँ रखी हुई है। इसकी बनावट गुंबदनुमा है। | ||
* प्रकाशोत्सव के अवसर पर पर्यटकों की यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है। | *यह स्थान दुनिया भर में फैले सिक्ख धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र है। | ||
*प्रकाशोत्सव के अवसर पर पर्यटकों की यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है। | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
Line 17: | Line 17: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{बिहार के पर्यटन स्थल}} | {{बिहार के पर्यटन स्थल}} | ||
Line 23: | Line 22: | ||
[[Category:पटना]] | [[Category:पटना]] | ||
[[Category:पर्यटन कोश]] | [[Category:पर्यटन कोश]] | ||
[[Category:गुरुद्वारा]] | |||
[[Category:सिक्ख धार्मिक स्थल]] | |||
[[Category:सिक्ख धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 13:48, 21 March 2014
thumb|250px|तख्त श्री पटना साहिब तख्त श्री पटना साहिब को 'तख्त श्री हरमन्दिरजी साहिब' और 'पटना सहिब' के नामों से भी जाना जाता हैं।
- तख्त श्री पटना साहिब बिहार राज्य के पटना शहर में स्थित एक गुरुद्वारा है।
- पटना साहिब सिक्खों के दसवें और अन्तिम गुरु गोविंद सिंह का जन्म वर्ष 1664 ई. में हुआ था।
- यह स्थान सिक्ख धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र है। सिक्खों के लिए हरमंदिर साहब पाँच प्रमुख तख्तों में से एक है।
- गुरुद्वारे का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने करवाया था। सिक्खों का यह पवित्रतम स्थल है।
- बालक गोविन्दराय के बचपन का पंगुरा (पालना), लोहे के चार तीर, तलवार, पादुका तथा 'हुकुमनामा' गुरुद्वारे में सुरक्षित है।
- गुरु नानक देव की वाणी से अतिप्रभावित पटना के श्री सलिसराय जौहरी ने अपने महल को धर्मशाला बनवा दिया। भवन के इस हिस्से को मिलाकर गुरुद्वारे का निर्माण किया गया है।
- यहाँ गुरु गोविंद सिंह से संबंधित अनेक प्रमाणिक वस्तुएँ रखी हुई है। इसकी बनावट गुंबदनुमा है।
- यह स्थान दुनिया भर में फैले सिक्ख धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र है।
- प्रकाशोत्सव के अवसर पर पर्यटकों की यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है।
|
|
|
|
|