User:रविन्द्र प्रसाद/1: Difference between revisions
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||[[चित्र:Zakir-Hussain.jpg|right| | ||[[चित्र:Zakir-Hussain.jpg|right|100px|ज़ाकिर हुसैन]]आधुनिक काल में गायन, वादन तथा [[नृत्य कला|नृत्य]] की संगति में तबले का प्रयोग होता है। तबले के दो भागों को क्रमशः '[[तबला]]' तथा 'डग्गा' या 'डुग्गी' कहा जाता है। अधिकांशत: तबले का निर्माण शीशम की लकड़ी से किया जाता है, क्योंकि शीशम की लकड़ी अत्यधिक मजबूत होती है। तबले को बजाने के लिये हथेलियों तथा हाथ की उंगलियों का प्रयोग किया जाता है। तबले के द्वारा अनेकों प्रकार के बोल निकाले जाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तबला]] | ||
{ [[भारत]] में मुख्यत: कितने प्रकार की [[स्वर (संगीत)|स्वर]] [[लिपि]] पद्धतियाँ प्रचलित हैं? | { [[भारत]] में मुख्यत: कितने प्रकार की [[स्वर (संगीत)|स्वर]] [[लिपि]] पद्धतियाँ प्रचलित हैं? |
Revision as of 12:55, 7 August 2011
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