गोदावरी तट शक्तिपीठ: Difference between revisions
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Revision as of 07:46, 14 February 2012
हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। गोदावरी तट, 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है।
- गोदावरी तट शक्तिपीठ आन्ध्र प्रदेश देवालयों के लिए प्रख्यात है।
- वहाँ शिव, विष्णु, गणेश तथा कार्तिकेय (सुब्रह्मण्यम) आदि की उपासना होती है तथा अनेक पीठ यहाँ पर हैं।
- आंध्र के गोदावरी स्टेशन के पास गोदावरी के पार कुब्बूर में कोटितीर्थ है।
- यह शक्ति पीठ यहाँ स्थित है।
- यहाँ पर सती के "वामगण्ड" (बायाँ गाल) का निपात हुआ था।
- यहाँ की सती 'विश्वेश्वरी' या 'रुक्मिणी' तथा शिव 'दण्डपाणि' हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ