श्री शैल शक्तिपीठ: Difference between revisions
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Revision as of 07:47, 14 February 2012
हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। श्री शैल, 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है।
- आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 250 कि.मी. दूर कुर्नूल के पास श्री शैलम है, जहाँ सती की ग्रीवा का पतन हुआ था।
- यहाँ की सती 'महालक्ष्मी' तथा शिव 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद' हैं।
- श्री शैल को दक्षिण का कैलास कहते हैं तथा ब्रह्मगिरि भी कहते हैं।
- यहीं शिव का मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग है।
- वहाँ से 7 कि.मी. पश्चिम में भ्रमराम्बा देवी का मंदिर है, जिसे शक्तिपीठ माना जाता है।
- यहाँ का निकटस्थ रेलवे स्टेशन मरकापुर रोड है तथा निकटस्थ वायुयान अड्डा हैदराबाद है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ