अलगोज़ा: Difference between revisions
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'''अलगोजा''' [[बाँसुरी]] के समान एक [[वाद्य यंत्र]] है। अलगोजा को कालवेलिए भी कहते है। | '''अलगोजा''' [[बाँसुरी]] के समान एक [[वाद्य यंत्र]] है। अलगोजा को कालवेलिए भी कहते है। |
Revision as of 11:51, 23 January 2012
thumb|60px|अलगोजा अलगोजा बाँसुरी के समान एक वाद्य यंत्र है। अलगोजा को कालवेलिए भी कहते है।
- वादक दो अलगोजे मुँह में रखकर एक साथ बजाता है।
- राजस्थान में अनेक प्रकार के अलगोजे प्रचलित हैं।
- राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों, विशिष्ट रूप से आदिवासी क्षेत्रों में इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है।
- अलगोजा जब कलाकार के होंठों का स्पर्श पाता है तब फ़िज़ा में ऐसी सुरीली तान घुलने लगती है कि सुनने वाला मदमस्त हो जाता है और प्रकृति और प्रणय के मधुर रसों का आस्वादन करने लगता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख