चोलबाड़ी: Difference between revisions

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*[[वारंगल]] राज्य की अवनति होने पर 14वीं शती में [[बहमनी राज्य|बहमनी]] सुलतानों का यहाँ आधिपत्य हो गया था।  
*[[वारंगल]] राज्य की अवनति होने पर 14वीं शती में [[बहमनी राज्य|बहमनी]] सुलतानों का यहाँ आधिपत्य हो गया था।  
*बहमनी राज्य की अवनति के पश्चात [[महबूबनगर ज़िला|महबूबनगर ज़िले]] का एक भाग [[क़ुतुबशाही वंश|क़ुतुबशाही]] और दूसरा [[बीजापुर]] के सुलतानों ने अपने राज्य में मिला लिया।
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*1686 ई. के पश्चात यहाँ [[मुग़ल]] बादशाह [[औरंगज़ेब]] का प्रभुत्व स्थापित हुआ और तत्पश्चात यह प्रदेश 18वीं शती में [[हैदराबाद]] के निज़ाम के राज्य में मिला लिया गया।
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चोलबाड़ी प्राचीन समय में चोल प्रदेश का एक भाग था। चोलों का यह प्रदेश आन्ध्र प्रदेश में स्थित था। प्राचीन समय में इस भू-भाग के उत्तर में मूसी नदी, जो कि हैदराबाद के निकट प्रवाहित होती थी, और दक्षिण में कृष्णा नदी इसकी स्वाभाविक सीमाएँ बनाती थीं।[1]

  • यह भाग पानगल, वर्तमान महबूबनगर और नालगौड़ा ज़िलों से मिलकर बनता था।
  • यहाँ पर चोलों का उत्कर्ष काल 480 ई. से आरंभ होता है।
  • वारंगल राज्य की अवनति होने पर 14वीं शती में बहमनी सुलतानों का यहाँ आधिपत्य हो गया था।
  • बहमनी राज्य की अवनति के पश्चात् महबूबनगर ज़िले का एक भाग क़ुतुबशाही और दूसरा बीजापुर के सुलतानों ने अपने राज्य में मिला लिया।
  • 1686 ई. के पश्चात् यहाँ मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब का प्रभुत्व स्थापित हुआ और तत्पश्चात् यह प्रदेश 18वीं शती में हैदराबाद के निज़ाम के राज्य में मिला लिया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 346 |

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