रामनाथपुरम: Difference between revisions
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'''रामनाथपुरम''' [[तमिलनाडु]] राज्य, [[दक्षिण भारत]] में स्थित एक नगर और ज़िला है। कभी मारवन राजाओं की राजधानी रहे इस नगर में वस्त्रों और [[आभूषण|आभूषणों]] का उत्पादन होता है। यहाँ के काँलेज मदुरै-कामराज विश्वविधालय से समद्ध हैं, जिनमें 'सैयद अम्माल इंजीनियरिंग कॉलेज', 'एम. साथक इंजीनियरिंग कॉलेज', 'सेतुपति गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज' और 'ईदय्यम विमंस कॉलेज' शामिल हैं। इसका नाम [[हिन्दू]] [[देवता]] [[श्रीराम]] की ओर इंगित करता है। | '''रामनाथपुरम''' [[तमिलनाडु]] राज्य, [[दक्षिण भारत]] में स्थित एक नगर और ज़िला है। कभी मारवन राजाओं की राजधानी रहे इस नगर में वस्त्रों और [[आभूषण|आभूषणों]] का उत्पादन होता है। यहाँ के काँलेज मदुरै-कामराज विश्वविधालय से समद्ध हैं, जिनमें 'सैयद अम्माल इंजीनियरिंग कॉलेज', 'एम. साथक इंजीनियरिंग कॉलेज', 'सेतुपति गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज' और 'ईदय्यम विमंस कॉलेज' शामिल हैं। इसका नाम [[हिन्दू]] [[देवता]] [[श्रीराम]] की ओर इंगित करता है। | ||
==भौगोलिक तथ्य== | ==भौगोलिक तथ्य== | ||
रामनाथपुरम ज़िले का क्षेत्रफल 12,578 वर्ग कि.मी. है और इसमें 'रामेश्ववरम द्धीप' समेत दक्षिणी समुद्र तटीय मैदान का एक समतल भू-भाग शामिल है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून को पश्चिम की ओर पश्चिमी घाट और दक्षिण-पूर्व की ओर [[श्रीलंका]] के पहाड़ पूर्वोत्तर और दक्षिम-पश्चिमी मॉनसून को रोकते हैं, जिससे असामान्य तौर पर यहाँ की जलवायु शुष्क रहती है। लेकिन सिंचाई जलाशय ([[मिट्टी]] के पुश्तों या किनारों वाले तालाब में जमा पानी) इस ज़िले को [[मिर्च]] और [[कपास]] का निर्यात करने में समर्थ बनाते हैं। सूती वस्त्र और सीमेंट की मिल, जैसे बड़े पैमाने के उद्योगों का प्रवेश इसके नगरों में हुआ है। जिसमें सबसे बड़ी मिलें राजपालैयम, विरुदुनगर और कल्लिकुडी में हैं। [[भारत]] में बनने वाले 90 प्रतिशत पटाखे शिवकाशी में बनते हैं। | रामनाथपुरम ज़िले का क्षेत्रफल 12,578 वर्ग कि.मी. है और इसमें 'रामेश्ववरम द्धीप' समेत दक्षिणी समुद्र तटीय मैदान का एक समतल भू-भाग शामिल है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून को पश्चिम की ओर पश्चिमी घाट और दक्षिण-पूर्व की ओर [[श्रीलंका]] के पहाड़ पूर्वोत्तर और दक्षिम-पश्चिमी मॉनसून को रोकते हैं, जिससे असामान्य तौर पर यहाँ की जलवायु शुष्क रहती है। लेकिन सिंचाई जलाशय ([[मिट्टी]] के पुश्तों या किनारों वाले तालाब में जमा पानी) इस ज़िले को [[मिर्च]] और [[कपास]] का निर्यात करने में समर्थ बनाते हैं। सूती वस्त्र और सीमेंट की मिल, जैसे बड़े पैमाने के उद्योगों का प्रवेश इसके नगरों में हुआ है। जिसमें सबसे बड़ी मिलें [[राजपालैयम]], विरुदुनगर और कल्लिकुडी में हैं। [[भारत]] में बनने वाले 90 प्रतिशत पटाखे शिवकाशी में बनते हैं। | ||
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अपने समूचे [[इतिहास]] के दौरान रामनाथपुरम ज़िला स्वतंत्र बना रहा और 17वीं तथा 18वीं शताब्दियों में मारवन राजाओं ने अक्सर [[तंजावुर]] (भतपूर्व तंजौर) पर आक्रमण किए। ब्रिटिश सरकार ने [[रामेश्वरम]] से होकर 'सीलोन' (वर्तमान [[श्रीलंका]]) के लिए एक रेल और नौ-परिवहन प्रणाली स्थापित की थी। मदुरै ज़िले में [[मदुरै]] से सड़कें उत्तर की ओर फैली हुई हैं। | अपने समूचे [[इतिहास]] के दौरान रामनाथपुरम ज़िला स्वतंत्र बना रहा और 17वीं तथा 18वीं शताब्दियों में मारवन राजाओं ने अक्सर [[तंजावुर]] (भतपूर्व तंजौर) पर आक्रमण किए। ब्रिटिश सरकार ने [[रामेश्वरम]] से होकर 'सीलोन' (वर्तमान [[श्रीलंका]]) के लिए एक रेल और नौ-परिवहन प्रणाली स्थापित की थी। मदुरै ज़िले में [[मदुरै]] से सड़कें उत्तर की ओर फैली हुई हैं। |
Latest revision as of 11:53, 10 September 2014
thumb|250px|रामालिंगा विलासम महल, रामनाथपुरम रामनाथपुरम तमिलनाडु राज्य, दक्षिण भारत में स्थित एक नगर और ज़िला है। कभी मारवन राजाओं की राजधानी रहे इस नगर में वस्त्रों और आभूषणों का उत्पादन होता है। यहाँ के काँलेज मदुरै-कामराज विश्वविधालय से समद्ध हैं, जिनमें 'सैयद अम्माल इंजीनियरिंग कॉलेज', 'एम. साथक इंजीनियरिंग कॉलेज', 'सेतुपति गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज' और 'ईदय्यम विमंस कॉलेज' शामिल हैं। इसका नाम हिन्दू देवता श्रीराम की ओर इंगित करता है।
भौगोलिक तथ्य
रामनाथपुरम ज़िले का क्षेत्रफल 12,578 वर्ग कि.मी. है और इसमें 'रामेश्ववरम द्धीप' समेत दक्षिणी समुद्र तटीय मैदान का एक समतल भू-भाग शामिल है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून को पश्चिम की ओर पश्चिमी घाट और दक्षिण-पूर्व की ओर श्रीलंका के पहाड़ पूर्वोत्तर और दक्षिम-पश्चिमी मॉनसून को रोकते हैं, जिससे असामान्य तौर पर यहाँ की जलवायु शुष्क रहती है। लेकिन सिंचाई जलाशय (मिट्टी के पुश्तों या किनारों वाले तालाब में जमा पानी) इस ज़िले को मिर्च और कपास का निर्यात करने में समर्थ बनाते हैं। सूती वस्त्र और सीमेंट की मिल, जैसे बड़े पैमाने के उद्योगों का प्रवेश इसके नगरों में हुआ है। जिसमें सबसे बड़ी मिलें राजपालैयम, विरुदुनगर और कल्लिकुडी में हैं। भारत में बनने वाले 90 प्रतिशत पटाखे शिवकाशी में बनते हैं।
परिवहन
अपने समूचे इतिहास के दौरान रामनाथपुरम ज़िला स्वतंत्र बना रहा और 17वीं तथा 18वीं शताब्दियों में मारवन राजाओं ने अक्सर तंजावुर (भतपूर्व तंजौर) पर आक्रमण किए। ब्रिटिश सरकार ने रामेश्वरम से होकर 'सीलोन' (वर्तमान श्रीलंका) के लिए एक रेल और नौ-परिवहन प्रणाली स्थापित की थी। मदुरै ज़िले में मदुरै से सड़कें उत्तर की ओर फैली हुई हैं।
जनसंख्या
इस नगर की जनसंख्या सन 2001 के अनुसार, नगर में 61,976 और ज़िले में कुल 11,83,321 है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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