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     [[मैसूर]] शहर का [[मैसूर का इतिहास|इतिहास]] अत्यंत प्राचीन है। इसके प्राचीनतम शासक [[कदम्ब वंश]] के थे, जिनका उल्लेख प्रख्यात भूगोलवेत्ता [[क्लॉडियस टॉलमी|टॉलमी]] ने किया है। कदम्बों को [[चेर वंश|चेरों]], [[पल्लव वंश|पल्लवों]] और [[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] से युद्ध करना पड़ा था। 12वीं शताब्दी में जाकर मैसूर का शासन कदम्बों के हाथों से [[होयसल वंश|होयसलों]] के हाथों में आया, जिन्होंने द्वारसमुद्र अथवा आधुनिक [[हलेबिड]] को अपनी राजधानी बनाया था। 18वीं शताब्दी में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] और मैसूर के शासकों के बीच चार सैन्य मुठभेड़ हुई थीं। अंग्रेज़ों और [[हैदर अली]] तथा उसके पुत्र [[टीपू सुल्तान]] के बीच समय-समय पर युद्ध हुए जो [[मैसूर युद्ध]] नाम से जाने जाते हैं। [[मैसूर|... और पढ़ें]]</poem>
     '''[[मैसूर]]''' शहर का [[मैसूर का इतिहास|इतिहास]] अत्यंत प्राचीन है। इसके प्राचीनतम शासक [[कदम्ब वंश]] के थे, जिनका उल्लेख प्रख्यात भूगोलवेत्ता [[क्लॉडियस टॉलमी|टॉलमी]] ने किया है। कदम्बों को [[चेर वंश|चेरों]], [[पल्लव वंश|पल्लवों]] और [[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] से युद्ध करना पड़ा था। 12वीं शताब्दी में जाकर मैसूर का शासन कदम्बों के हाथों से [[होयसल वंश|होयसलों]] के हाथों में आया, जिन्होंने द्वारसमुद्र अथवा आधुनिक [[हलेबिड]] को अपनी राजधानी बनाया था। 18वीं शताब्दी में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] और मैसूर के शासकों के बीच चार सैन्य मुठभेड़ हुई थीं। अंग्रेज़ों और [[हैदर अली]] तथा उसके पुत्र [[टीपू सुल्तान]] के बीच समय-समय पर युद्ध हुए जो [[मैसूर युद्ध]] नाम से जाने जाते हैं। [[मैसूर|... और पढ़ें]]</poem>
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एक आलेख

     मैसूर शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके प्राचीनतम शासक कदम्ब वंश के थे, जिनका उल्लेख प्रख्यात भूगोलवेत्ता टॉलमी ने किया है। कदम्बों को चेरों, पल्लवों और चालुक्यों से युद्ध करना पड़ा था। 12वीं शताब्दी में जाकर मैसूर का शासन कदम्बों के हाथों से होयसलों के हाथों में आया, जिन्होंने द्वारसमुद्र अथवा आधुनिक हलेबिड को अपनी राजधानी बनाया था। 18वीं शताब्दी में अंग्रेज़ों और मैसूर के शासकों के बीच चार सैन्य मुठभेड़ हुई थीं। अंग्रेज़ों और हैदर अली तथा उसके पुत्र टीपू सुल्तान के बीच समय-समय पर युद्ध हुए जो मैसूर युद्ध नाम से जाने जाते हैं। ... और पढ़ें


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