आरासण: Difference between revisions

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Revision as of 13:41, 21 March 2014

आरासण आबू के निकट दिलवाड़ा मंदिरों की भांति ही यहाँ भी उच्चकोटि की शिल्पकला के उदाहरण-रूप कई जैन मंदिर स्थित हैं। इनकी पत्थर की नक़्क़ाशी सराहनीय है। इसका नाम कुंभारिय भी है। इस स्थान का तीर्थमाला चैत्यवंदन नामक जैन स्तोत्र में इस प्रकार उल्लेख है-

'कुंतिपल्लवहहारतारणगढे सोपारकारासणो।


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