राम नाम सौं दिल मिला -कबीर: Difference between revisions
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Revision as of 14:54, 10 January 2014
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राँम नाँम सौं दिल मिला, जम सों परा दुराइ। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! मेरा हृदय रामनाम से युक्त है। अब यमराज मेरा कुछ नहीं कर सकता। उसके अधिकार से मैं अलग हो गया हूँ। मुझे अपने इष्टदेव का पूरा भरोसा है। उनका भक्त कभी नरक में नहीं जा सकता।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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