पद गावै लौंलीन ह्वै -कबीर: Difference between revisions
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Latest revision as of 11:17, 5 July 2017
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पद गावै लौंलीन ह्वै, कटी न संसै पास। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! यदि संशय का बंधन नहीं कटा तो सर्वथा प्रभु में लीन होकर पद गाने से कुछ भी लाभ नहीं हो सकता। विश्वास-रहित सारी साधना वैसे ही व्यर्थ है जैसे बिना अन्नकण के थोथे तुष (ख़ाली सूप) को पछोरना।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख