विशाखापत्तनम बंदरगाह: Difference between revisions

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[[1933]] में विशाखापत्तनम  बंदरगाह व्यापार के लिए खोला गया, इसका पृष्ठदेश [[तमिलनाडु]], आंध्र प्रेदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और [[उडीसा]] तक फैला हुआ है। इन राज्यों के निर्यात के लिए यही बंदरगाह उत्तम है। विशाखापत्तनम बंदरगाह में [[कोलकाता बंदरगाह]] की अपेक्षा पहुंचने में कम समय लगता है और व्यय भी कम पड़ता है। अतएव यह व्यापार  [[कोलकाता]] से स्पर्द्धा करने लगा है। विशाखापत्तनम बंदरगाह का सम्बन्ध पूर्वी रेलमार्ग द्वारा [[मध्य प्रदेश]] से है। यहा ज़हाज बनाने तथा तेल साफ करने की शोधनशाला भी है यह व्यापार में देश का चौथा सबसे बड़ा बंदरगाह है।
[[1933]] में विशाखापत्तनम  बंदरगाह व्यापार के लिए खोला गया, इसका पृष्ठदेश [[तमिलनाडु]], आंध्र प्रेदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और [[उडीसा]] तक फैला हुआ है। इन राज्यों के निर्यात के लिए यही बंदरगाह उत्तम है। विशाखापत्तनम बंदरगाह में [[कोलकाता बंदरगाह]] की अपेक्षा पहुंचने में कम समय लगता है और व्यय भी कम पड़ता है। अतएव यह व्यापार  [[कोलकाता]] से स्पर्द्धा करने लगा है। विशाखापत्तनम बंदरगाह का सम्बन्ध पूर्वी रेलमार्ग द्वारा [[मध्य प्रदेश]] से है। यहा ज़हाज बनाने तथा तेल साफ करने की शोधनशाला भी है यह व्यापार में देश का चौथा सबसे बड़ा बंदरगाह है।
==विशेषता==
==विशेषता==
विशाखापत्तनम बंदरगाह [[जल]] की गहराई प्राय: 9 मीटर से कम नहीं है यहां 4 मुख्य बर्थ हैं जिनमें से प्रत्येक से 160 मीटर लम्बी है और हर प्रकार की सुविधाओं से परिपूर्ण है इनमें दो बर्थ विशेष रूप से [[लोहा]] एवं मैगनीज के व्यापार के लिए सुरक्षित हैं। विशाखापत्तनम बंदरगाह में लगभग 61 मीटर लम्बी बर्थ, तेल व्यापार के लिए बनायी गयी है क्योंकि यहां पर [[खनिज तेल]] साफ करने का कारखाना है। एक शुष्क डॉक 110 मीटर लम्बा और 18 मीटर चौड़ा है जिसके समीप तक प्राय: छोटे ज़हाज आते है क्योंकि इस भाग में जल की गहराई केवल 4 मीटर है। विशाखापत्तनम बंदरगाह का पोताश्रय प्राकृतिक है। इसमें 170 मीटर लम्बे ज़हाज ठहर सकते हैं।
विशाखापत्तनम बंदरगाह [[जल]] की गहराई प्राय: 9 मीटर से कम नहीं है यहां 4 मुख्य बर्थ हैं जिनमें से प्रत्येक से 160 मीटर लम्बी है और हर प्रकार की सुविधाओं से परिपूर्ण है इनमें दो बर्थ विशेष रूप से [[लोहा]] एवं मैगनीज के व्यापार के लिए सुरक्षित हैं। विशाखापत्तनम बंदरगाह में लगभग 61 मीटर लम्बी बर्थ, तेल व्यापार के लिए बनायी गयी है क्योंकि यहां पर [[खनिज तेल]] साफ करने का कारखाना है। एक शुष्क डॉक 110 मीटर लम्बा और 18 मीटर चौड़ा है जिसके समीप तक प्राय: छोटे ज़हाज आते है क्योंकि इस भाग में जल की गहराई केवल 4 मीटर है। विशाखापत्तनम बंदरगाह का पोताश्रय प्राकृतिक है। इसमें 170 मीटर लम्बे ज़हाज ठहर सकते हैं।[[चित्र:Map-Of-Vishakhapatnam-Port.jpg|thumb|250px|विशाखापत्तनम बंदरगाह का मानचित्र|left]]
 
==निर्यात एवं आयात==
==निर्यात एवं आयात==
विशाखापत्तनम बंदरगाह के मुख्य निर्यात लकड़ियां, [[कोयला]], चमड़ा और खालें, हर्ड-बहेड़, मुंगफली, लाख, खली, लौह-अयस्क और मैंगनीज हैं। आयात व्यापार में सूती कपड़ा, [[लोहा]] और इस्पात का सामान, रासायनिक खाद, [[खनिज तेल]], मिश्रित धातु व इंजीनियरी सामान मुख्य हैं। विशाखापट्टनम आज अपनी समुद्र तटीय स्थिति के कारण एक प्रमुख औद्यौगिक नगर बन गया है। यहां का सबसे बड़ा उद्योग जलयान निर्माण उद्योग है।
विशाखापत्तनम बंदरगाह के मुख्य निर्यात लकड़ियां, [[कोयला]], चमड़ा और खालें, हर्ड-बहेड़, मुंगफली, लाख, खली, लौह-अयस्क और मैंगनीज हैं। आयात व्यापार में सूती कपड़ा, [[लोहा]] और इस्पात का सामान, रासायनिक खाद, [[खनिज तेल]], मिश्रित धातु व इंजीनियरी सामान मुख्य हैं। विशाखापट्टनम आज अपनी समुद्र तटीय स्थिति के कारण एक प्रमुख औद्यौगिक नगर बन गया है। यहां का सबसे बड़ा उद्योग जलयान निर्माण उद्योग है।

Revision as of 12:11, 30 November 2016

विशाखापत्तनम बंदरगाह
विवरण देश का सबसे गहरा बंदरगाह है। इसका पोताश्रय प्राकृतिक है। 1933 में यह बंदरगाह व्यापार के लिए खोला गया था। बंदरगाह में 170 मीटर लम्बे ज़हाज ठहर सकते हैं। यह व्यापार में देश का चौथा सबसे बड़ा बंदरगाह है।
पृष्ठदेश तमिलनाडु, आंध्र प्रेदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और उडीसा तक फैला हुआ है।
विशेषता जल की गहराई प्राय: 9 मीटर से कम नहीं है यहां 4 मुख्य बर्थ हैं जिनमें से प्रत्येक से 160 मीटर लम्बी हैं।
निर्यात लकड़ियां, कोयला, चमड़ा और खालें, हर्ड-बहेड़, मुंगफली, लाख, खली, लौह-अयस्क और मैंगनीज आदि।
आयात सूती कपड़ा, लोहा और इस्पात का सामान, रासायनिक खाद, खनिज तेल, मिश्रित धातु व इंजीनियरी सामान मुख्य हैं।
अन्य जानकारी डॉलफिन नोज नामक पहाड़ी भाग निकल आने से यह मानसून पवन के झकोरों में सुरक्षित रहता है। विशाखापट्टनम आज अपनी समुद्र तटीय स्थिति के कारण एक प्रमुख औद्यौगिक नगर बन गया है। यहां का सबसे बड़ा उद्योग जलयान निर्माण उद्योग है।

विशाखापत्तनम बंदरगाह (अंग्रेज़ी: Vishakhapatnam Port) देश का सबसे गहरा बंदरगाह है। इसका पोताश्रय प्राकृतिक है। 1933 में यह बंदरगाह व्यापार के लिए खोला गया था। विशाखापत्तनम बंदरगाह में 170 मीटर लम्बे ज़हाज ठहर सकते हैं। यह व्यापार में देश का चौथा सबसे बड़ा बंदरगाह है।[1]

प्राकृतिक पोताश्रय

विशाखापत्तनम बंदरगाह लौह अयस्क के निर्यात के लिए बाहरी बंदरगाह बनाया गया है। इसका पोताश्रय प्राकृतिक है। पोताश्रय में डॉलफिन नोज नामक पहाड़ी भाग निकल आने से यह मानसून पवन के झकोरों में सुरक्षित रहता है। विशाखापत्तनम बंदरगाह कोरोमण्डल तट पर कोलकाता से 800 किलोमीटर दक्षिण तथा चेन्नई से 435 किलोमीटर उत्तर में आंध्र प्रदेश में स्थित है।

पृष्ठदेश

1933 में विशाखापत्तनम बंदरगाह व्यापार के लिए खोला गया, इसका पृष्ठदेश तमिलनाडु, आंध्र प्रेदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और उडीसा तक फैला हुआ है। इन राज्यों के निर्यात के लिए यही बंदरगाह उत्तम है। विशाखापत्तनम बंदरगाह में कोलकाता बंदरगाह की अपेक्षा पहुंचने में कम समय लगता है और व्यय भी कम पड़ता है। अतएव यह व्यापार कोलकाता से स्पर्द्धा करने लगा है। विशाखापत्तनम बंदरगाह का सम्बन्ध पूर्वी रेलमार्ग द्वारा मध्य प्रदेश से है। यहा ज़हाज बनाने तथा तेल साफ करने की शोधनशाला भी है यह व्यापार में देश का चौथा सबसे बड़ा बंदरगाह है।

विशेषता

विशाखापत्तनम बंदरगाह जल की गहराई प्राय: 9 मीटर से कम नहीं है यहां 4 मुख्य बर्थ हैं जिनमें से प्रत्येक से 160 मीटर लम्बी है और हर प्रकार की सुविधाओं से परिपूर्ण है इनमें दो बर्थ विशेष रूप से लोहा एवं मैगनीज के व्यापार के लिए सुरक्षित हैं। विशाखापत्तनम बंदरगाह में लगभग 61 मीटर लम्बी बर्थ, तेल व्यापार के लिए बनायी गयी है क्योंकि यहां पर खनिज तेल साफ करने का कारखाना है। एक शुष्क डॉक 110 मीटर लम्बा और 18 मीटर चौड़ा है जिसके समीप तक प्राय: छोटे ज़हाज आते है क्योंकि इस भाग में जल की गहराई केवल 4 मीटर है। विशाखापत्तनम बंदरगाह का पोताश्रय प्राकृतिक है। इसमें 170 मीटर लम्बे ज़हाज ठहर सकते हैं।thumb|250px|विशाखापत्तनम बंदरगाह का मानचित्र|left

निर्यात एवं आयात

विशाखापत्तनम बंदरगाह के मुख्य निर्यात लकड़ियां, कोयला, चमड़ा और खालें, हर्ड-बहेड़, मुंगफली, लाख, खली, लौह-अयस्क और मैंगनीज हैं। आयात व्यापार में सूती कपड़ा, लोहा और इस्पात का सामान, रासायनिक खाद, खनिज तेल, मिश्रित धातु व इंजीनियरी सामान मुख्य हैं। विशाखापट्टनम आज अपनी समुद्र तटीय स्थिति के कारण एक प्रमुख औद्यौगिक नगर बन गया है। यहां का सबसे बड़ा उद्योग जलयान निर्माण उद्योग है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत का भूगोल |लेखक: डॉ. चतुर्भुज मामोरिया |प्रकाशक: साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा |पृष्ठ संख्या: 365 |

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