अंखि: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''अंखि''' - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत अक्षि; प्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
Line 2: Line 2:


'[[अंख]]'
'[[अंख]]'
;उदाहरण
 
"करि क्रोध अंखि सुरत्त हवि जानि लग्गिय लत्त।"<ref>[[पृथ्वीराजरासो]], 1।104</ref>
;उदाहरण - "करि क्रोध अंखि सुरत्त हवि जानि लग्गिय लत्त।"<ref>[[पृथ्वीराजरासो]], 1।104</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 12:52, 2 January 2020

अंखि - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत अक्षि; प्राकृत अक्खि)[1]

'अंख'

उदाहरण - "करि क्रोध अंखि सुरत्त हवि जानि लग्गिय लत्त।"[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 04 |
  2. पृथ्वीराजरासो, 1।104

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख