जगदीश लाल आहुजा: Difference between revisions
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thumb|250px|जगदीश लाल आहुजा
जगदीश लाल आहुजा (अंग्रेज़ी: Jagdish Lal Ahuja) भारत के जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह चंडीगढ़, पंजाब से हैं। वह पिछले 36 सालों से भूखे और जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क खाना खिलाने का काम करते आ रहे हैं। यही कारण है कि लोग अब उन्हें लंगर बाबा के नाम से भी जानते हैं। साल 2020 के पद्मश्री अवॉर्ड विजेताओं की जब घोषणा की गई तो इनमें जगदीश लाल आहूजा भी शामिल थे।
- जगदीश लाल आहुजा को लोग 'लंगर बाबा' के नाम से जानते हैं। इनकी खासियत ये है कि ये लोगों को अपनी तरफ से खाना खिलाते हैं। इसके बदले में वे किसी से कुछ भी लेते नहीं हैं। वे हर प्रकार के जरूरतमंदों और भूखों को खाना खिलाते हैं। इनकी गारंटी होती है कि ये किसी से भी बदले में कुछ भी ना लें।
- रोजाना पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ में गरीब मरीजों और भूखों को मुफ्त में जगदीश लाल आहुजा भोजन मुहैया कराते हैं। वह केवल खाना ही नहीं बल्कि मरीजों को आर्थिक सहायता से लेकर कंबल और कपड़े तक अन्य सहायता मुहैया कराते हैं।
- ये जानकर आश्चर्य होता है कि जगदीश लाल आहुजा बिना किसी से बदले में कुछ लिए कैसे इतने लोगों की मदद कर पाते हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी 35 एकड़ जमीन बेच दी। साथ ही अपनी जायदाद भी बेच दी ताकि लोगों का पेट भर सकें। उन्होंने 1980 के दशक में मुफ्त भोजन परोसना शुरू कर दिया था।
- वे 2000 में चंडीगढ़ सेक्टर 32 में पीजीआई और सरकारी मेडिकल कॉलेज व हॉस्पीटल के पास आ गए और तब से लेकर अब तक वे वहीं रोजाना करीब 2,000 से अधिक लोगों की सेवा कर रहे हैं।
- कई बार ऐसे मौके भी आए जब उनके पास पैसों की कमी पड़ गई। इसके बाद हर एक मौके पर उन्होंने अपनी एक-एक संपत्ति बेच दी ताकि अपना ये सेवाकार्य जारी रख सकें। उन्होंने अभी तक लगभग करोड़ों की संपत्ति बेच दी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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