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*[[चिनाब नदी|चेनाब नदी]] के दक्षिणी किनारे पर स्थित यह विकसित [[हड़प्पा]] संस्कृति का सबसे उत्तरी स्थल है।  
*[[चिनाब नदी|चेनाब नदी]] के दक्षिणी किनारे पर स्थित यह विकसित [[हड़प्पा]] संस्कृति का सबसे उत्तरी स्थल है।  
*इसका उत्खनन 1982 में 'जे.पी. जोशी' तथा 'मधुबाला' द्वारा करवाया गया था।  
*इसका उत्खनन 1982 में 'जे.पी. जोशी' तथा 'मधुबाला' द्वारा करवाया गया था।  
*उत्खनन से प्राप्त यहां से तीन सांस्कृतिक स्तर  
*उत्खनन से प्राप्त यहाँ से तीन सांस्कृतिक स्तर  
#प्राक् सैन्धव,  
#प्राक् सैन्धव,  
#विकसित सैंधव, तथा  
#विकसित सैंधव, तथा  
#उत्तर कालीन सैंधव प्रकाश में आए।  
#उत्तर कालीन सैंधव प्रकाश में आए।  
*यहां विशेष प्रकार के मृदभांड (मिट्टी के बर्तन), गैर हड़प्पा से सम्बद्ध कुछ ठीकरा पक्की मिट्टी की पिण्डिकाएं (टेराकोटा केक) आदि प्राप्त हुए है।
*यहाँ विशेष प्रकार के मृदभांड (मिट्टी के बर्तन), गैर हड़प्पा से सम्बद्ध कुछ ठीकरा पक्की मिट्टी की पिण्डिकाएं (टेराकोटा केक) आदि प्राप्त हुए है।





Revision as of 11:40, 26 September 2010

  • चेनाब नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित यह विकसित हड़प्पा संस्कृति का सबसे उत्तरी स्थल है।
  • इसका उत्खनन 1982 में 'जे.पी. जोशी' तथा 'मधुबाला' द्वारा करवाया गया था।
  • उत्खनन से प्राप्त यहाँ से तीन सांस्कृतिक स्तर
  1. प्राक् सैन्धव,
  2. विकसित सैंधव, तथा
  3. उत्तर कालीन सैंधव प्रकाश में आए।
  • यहाँ विशेष प्रकार के मृदभांड (मिट्टी के बर्तन), गैर हड़प्पा से सम्बद्ध कुछ ठीकरा पक्की मिट्टी की पिण्डिकाएं (टेराकोटा केक) आदि प्राप्त हुए है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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