तण्डुल-कुसुमबलिविकार कला: Difference between revisions
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Revision as of 12:25, 10 January 2011
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। देव-पूजनादि के अवसर पर तरह-तरह के रंगे हुए चावल, जौ आदि वस्तुओ तथा रंगबिरंगे फूलों को विविध प्रकार से सजाने की कला तण्डुल-कुसुमबलिविकार कही जाती है।
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