चंद्रगुप्त मौर्य: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 1: Line 1:
==चन्द्रगुप्त मौर्य / Chandragupt Morya / Maurya==
'''चन्द्रगुप्त मौर्य / Chandragupt Morya / Maurya'''<br />
*चन्द्रगुप्त मौर्य (जन्म 340BC, राज 325-300 BC) में हुआ ।  
*चन्द्रगुप्त मौर्य (जन्म 340BC, राज 325-300 BC) में हुआ ।  
*ये भारत के सम्राट थे ।  
*ये भारत के सम्राट थे ।  
*इनको कभी कभी चन्द्रगुप्त नाम से भी संबोधित किया जाता है।  
*इनको कभी कभी चन्द्रगुप्त नाम से भी संबोधित किया जाता है।  
*इन्होंने [[मौर्य काल|मौर्य]] साम्राज्य की स्थापना की थी । चन्द्रगुप्त पूरे भारत को एक साम्राज्य के अधीन लाने में सफ़ल रहे । अपने समय का सबसे प्रतापी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य 325 ई॰पू0 में गद्दी पर बैठा।   
*इन्होंने [[मौर्य काल|मौर्य]] साम्राज्य की स्थापना की थी । चन्द्रगुप्त पूरे भारत को एक साम्राज्य के अधीन लाने में सफ़ल रहे । अपने समय का सबसे प्रतापी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य 325 ई॰पू॰ में गद्दी पर बैठा।   
*कुछ लोग इसे मुरा नाम की शूद्र स्त्री के गर्भ से उत्पन्न नंद सम्राट की संतान बताते हैं। पर [[बौद्ध]] और [[जैन]] साहित्य के अनुसार यह मौर्य (मोरिय) कुल में जन्मा था और [[नंद]] राजाओं का महत्वाकांक्षी सेनापति था।  
*कुछ लोग इसे मुरा नाम की शूद्र स्त्री के गर्भ से उत्पन्न नंद सम्राट की संतान बताते हैं। पर [[बौद्ध]] और [[जैन]] साहित्य के अनुसार यह मौर्य (मोरिय) कुल में जन्मा था और [[नंद]] राजाओं का महत्वाकांक्षी सेनापति था।  
*[[सिकंदर]] के भारत आक्रमण के समय चंद्रगुप्त मौर्य की उससे पंजाब में भेंट हुई थी।  किसी कारणवश रूष्ट होकर सिकंदर ने चंद्रगुप्त को कैद कर लेने का आदेश दिया था।  पर चंद्रगुप्त उसकी चंगुल से निकल आया।   
*[[सिकंदर]] के भारत आक्रमण के समय चंद्रगुप्त मौर्य की उससे पंजाब में भेंट हुई थी।  किसी कारणवश रूष्ट होकर सिकंदर ने चंद्रगुप्त को कैद कर लेने का आदेश दिया था।  पर चंद्रगुप्त उसकी चंगुल से निकल आया।   
Line 12: Line 12:
*चंद्रगुप्त मौर्य का शासन-प्रबंध बड़ा व्यवस्थित था।   
*चंद्रगुप्त मौर्य का शासन-प्रबंध बड़ा व्यवस्थित था।   
*इसका परिचय यूनानी राजदूत [[मेगस्थनीज]] के विवरण और कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' से मिलता है।  
*इसका परिचय यूनानी राजदूत [[मेगस्थनीज]] के विवरण और कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' से मिलता है।  
*लगभग-300 ई॰पू0 में चंद्रगुप्त ने अपने पुत्र [[बिंदुसार]] को गद्दी सौंप दी।
*लगभग-300 ई॰पू॰ में चंद्रगुप्त ने अपने पुत्र [[बिंदुसार]] को गद्दी सौंप दी।




[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 09:10, 4 April 2010

चन्द्रगुप्त मौर्य / Chandragupt Morya / Maurya

  • चन्द्रगुप्त मौर्य (जन्म 340BC, राज 325-300 BC) में हुआ ।
  • ये भारत के सम्राट थे ।
  • इनको कभी कभी चन्द्रगुप्त नाम से भी संबोधित किया जाता है।
  • इन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी । चन्द्रगुप्त पूरे भारत को एक साम्राज्य के अधीन लाने में सफ़ल रहे । अपने समय का सबसे प्रतापी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य 325 ई॰पू॰ में गद्दी पर बैठा।
  • कुछ लोग इसे मुरा नाम की शूद्र स्त्री के गर्भ से उत्पन्न नंद सम्राट की संतान बताते हैं। पर बौद्ध और जैन साहित्य के अनुसार यह मौर्य (मोरिय) कुल में जन्मा था और नंद राजाओं का महत्वाकांक्षी सेनापति था।
  • सिकंदर के भारत आक्रमण के समय चंद्रगुप्त मौर्य की उससे पंजाब में भेंट हुई थी। किसी कारणवश रूष्ट होकर सिकंदर ने चंद्रगुप्त को कैद कर लेने का आदेश दिया था। पर चंद्रगुप्त उसकी चंगुल से निकल आया।
  • इसी समय इसका संपर्क कौटिल्य या चाणक्य से हुआ। चाणक्य नंद राजाओं से रूष्ट था। उसने नंद राजाओं को पराजित करके अपनी महत्वाकांक्षा पूर्ण करने में चंद्रगुप्त मौर्य की पूरी सहायता की।
  • चंद्रगुप्त ने मगध पर आक्रमण करके नंद वंश को समाप्त कर दिया और स्वयं सम्राट बन गया।
  • इस बीच सिकंदर की मृत्यु हो गई और चंद्रगुप्त ने यूनानियों के अधिकार से पंजाब को मुक्त करा लिया। अपनी विशाल सेना लेकर वह उत्तर भारत, गुजरात और सौराष्ट्र तक फैलता गया।
  • सिकंदर की मृत्यु के बाद उसका सेनापति सेल्यूकस यूनानी साम्राजय का शासक बना और उसने चंद्रगुप्त मौर्य पर आक्रमण कर दिया। पर उसे मुंह की खानी पड़ी। काबुल, हेरात, कंधार, और बलूचिस्तान के प्रदेश देने के साथ-साथ वह अपनी पुत्री हेलना का विवाह चंद्रगुप्त से करने के लिए बाध्य हुआ। इस पराजय के बाद अगले सौ वर्षो तक यूनानियों को भारत की ओर मुंह करने का साहस नहीं हुआ।
  • चंद्रगुप्त मौर्य का शासन-प्रबंध बड़ा व्यवस्थित था।
  • इसका परिचय यूनानी राजदूत मेगस्थनीज के विवरण और कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' से मिलता है।
  • लगभग-300 ई॰पू॰ में चंद्रगुप्त ने अपने पुत्र बिंदुसार को गद्दी सौंप दी।