उत्सर्जी तन्त्र: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(→वृक्क) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " मे " to " में ") |
||
Line 2: | Line 2: | ||
==वृक्क== | ==वृक्क== | ||
{{मुख्य|वृक्क}} | {{मुख्य|वृक्क}} | ||
वृक्क मनुष्य का एक उत्सर्जी तन्त्र है। इन्हें गुर्दे भी कहा जाता है। मनुष्य में एक जोड़ी वृक्क होते हैं, जो [[उदर गुहा]] के पृष्ठभाग में [[डायाफ्राम]] | वृक्क मनुष्य का एक उत्सर्जी तन्त्र है। इन्हें गुर्दे भी कहा जाता है। मनुष्य में एक जोड़ी वृक्क होते हैं, जो [[उदर गुहा]] के पृष्ठभाग में [[डायाफ्राम]] में नीचे व [[कशेरुक दण्ड]] के इधर–उधर (दाएँ–बाएँ) स्थित होते हैं। दाहिनी ओर [[यकृत]] की उपस्थिति के कारण दाहिना वृक्क बाएँ वृक्क से कुछ आगे स्थित होता है। दोनों वृक्क एक पतली पेरिटोनियम झिल्ली द्वारा उदरगुहा की पृष्ठ दीवार से लगे हुए होते हैं और वसीय [[ऊतक]] के अन्दर भी धँसे होते हैं। | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति |
Revision as of 07:43, 20 February 2011
(अंग्रेज़ी: Excretory System) उत्सर्जी तन्त्र अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में मानव शरीर से संबंधित उल्लेख है। कशेरुकी जन्तुओं में उत्सर्जी तन्त्र एवं जनन तन्त्रों में विशेष रूप से नर में, परस्पर बहुत सम्बन्ध होता है। इसलिए इन दोनों तन्त्रों को सम्मिलित रूप से मूत्रोजनन तन्त्र कहते हैं। मनुष्य में इन दोनों तन्त्रों के प्रमुख अंगों में तो कोई सम्बन्ध नहीं होता है, किन्तु इनकी वाहिनियों में महत्त्वपूर्ण सम्बन्ध होता है। मनुष्य के प्रमुख उत्सर्जी अंग एक जोड़ी वृक्क या गुर्दे होते हैं। इनसे सम्बन्धित अन्य उत्सर्जी अंग मूत्रवाहिनियाँ, मूत्राशय तथा मूत्र मार्ग हैं। ये सभी उत्सर्जी अंग मिलकर उत्सर्जी तन्त्र का निर्माण करते हैं।
वृक्क
वृक्क मनुष्य का एक उत्सर्जी तन्त्र है। इन्हें गुर्दे भी कहा जाता है। मनुष्य में एक जोड़ी वृक्क होते हैं, जो उदर गुहा के पृष्ठभाग में डायाफ्राम में नीचे व कशेरुक दण्ड के इधर–उधर (दाएँ–बाएँ) स्थित होते हैं। दाहिनी ओर यकृत की उपस्थिति के कारण दाहिना वृक्क बाएँ वृक्क से कुछ आगे स्थित होता है। दोनों वृक्क एक पतली पेरिटोनियम झिल्ली द्वारा उदरगुहा की पृष्ठ दीवार से लगे हुए होते हैं और वसीय ऊतक के अन्दर भी धँसे होते हैं।
|
|
|
|
|