चौधरी दिगम्बर सिंह: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 4: Line 4:
*1921- 8 वर्ष की उम्र में [[महात्मा गांधी]] के दर्शन करने सादाबाद गये।  
*1921- 8 वर्ष की उम्र में [[महात्मा गांधी]] के दर्शन करने सादाबाद गये।  
*अध्ययन- [[गीता]], [[महाभारत]], [[रामायण]], [[पुराण]] और विश्व के अधिकतर नेताओं की जीवनी। भारतीय, चीनी, यूरोपीय, गांधीवाद, मार्क्सवाद, [[आर्यसमाज]], देवसमाज, ब्रह्मसमाज, [[बौद्ध धर्म]], [[जैन धर्म]], [[सिक्ख धर्म|सिक्ख]], [[इस्लाम]], ईसाई, यहूदी और ताओ धर्म आदि का अध्ययन विशेष रूप से किया।  
*अध्ययन- [[गीता]], [[महाभारत]], [[रामायण]], [[पुराण]] और विश्व के अधिकतर नेताओं की जीवनी। भारतीय, चीनी, यूरोपीय, गांधीवाद, मार्क्सवाद, [[आर्यसमाज]], देवसमाज, ब्रह्मसमाज, [[बौद्ध धर्म]], [[जैन धर्म]], [[सिक्ख धर्म|सिक्ख]], [[इस्लाम]], ईसाई, यहूदी और ताओ धर्म आदि का अध्ययन विशेष रूप से किया।  
*1935- असेम्बली के चुनावों की सरगर्मी के साथ राजनीति में रूचि, श्री हकीम ब्रजलाल बर्मन से निकटता।  
*1935- असेम्बली के चुनावों की सरगर्मी के साथ राजनीति में रुचि, श्री हकीम ब्रजलाल बर्मन से निकटता।  
*1941- 1 वर्ष की सज़ा 100 रू॰ जुर्माना 3 माह के कारावास के बाद मथुरा जेल से [[चुनार]] जेल स्थानान्तरित किए गए दिसम्बर 1941 को रिहा किये गये। ग़ैर क़ानूनी हथियार रखने एवं घर पर ही देशी बम बनाने का कार्य, जेल से रिहा होने के बाद और ज़ोर शोर से शुरू कर दिया, एक दिन घर में ही बम फट गया।  
*1941- 1 वर्ष की सज़ा 100 रू. जुर्माना 3 माह के कारावास के बाद मथुरा जेल से [[चुनार|चुनार क़िला]] जेल स्थानान्तरित किए गए दिसम्बर 1941 को रिहा किये गये। ग़ैर क़ानूनी हथियार रखने एवं घर पर ही देशी बम बनाने का कार्य, जेल से रिहा होने के बाद और ज़ोर शोर से शुरू कर दिया, एक दिन घर में ही बम फट गया।  
*1942- में फिर जेल गये।  
*1942- में फिर जेल गये।  
[[चित्र:Ch.Digamber Singh-Jawahar Lal-Nehru.jpg|thumb|250px|left|पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ (तीन मूर्ति भवन दिल्ली)]]
[[चित्र:Ch.Digamber Singh-Jawahar Lal-Nehru.jpg|thumb|250px|left|पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ (तीन मूर्ति भवन दिल्ली)]]
Line 31: Line 31:
*1994- ब्रज भूमि विकास चॅरिटेबिल ट्रस्ट मथुरा की स्थापना
*1994- ब्रज भूमि विकास चॅरिटेबिल ट्रस्ट मथुरा की स्थापना
*10-12-1995 को मथुरा में देहावसान।  
*10-12-1995 को मथुरा में देहावसान।  
*11-12-1995 मथुरा में [[यमुना]] किनारे, राजकीय सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार।  
*11-12-1995 मथुरा में [[यमुना]] किनारे, राजकीय सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार।
 
[[चित्र:Chaudhary-digamber-singh-3.jpg|thumb|400px]]
{{प्रचार}}
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति  
{{लेख प्रगति  

Revision as of 04:16, 20 June 2011

चौधरी दिगम्बर सिंह|thumb

संक्षिप्त जीवन तिथि-क्रम

  • जन्म- 9 जून 1913, सोमवार, ग्राम कुरसण्डा तहसील सादाबाद ज़िला मथुरा (कुरसण्डा अब हाथरस ज़िले में है) के एक ज़मींदार परिवार में हुआ। लगभग एक वर्ष की आयु में ही माता-पिता का निधन।
  • 1921- 8 वर्ष की उम्र में महात्मा गांधी के दर्शन करने सादाबाद गये।
  • अध्ययन- गीता, महाभारत, रामायण, पुराण और विश्व के अधिकतर नेताओं की जीवनी। भारतीय, चीनी, यूरोपीय, गांधीवाद, मार्क्सवाद, आर्यसमाज, देवसमाज, ब्रह्मसमाज, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिक्ख, इस्लाम, ईसाई, यहूदी और ताओ धर्म आदि का अध्ययन विशेष रूप से किया।
  • 1935- असेम्बली के चुनावों की सरगर्मी के साथ राजनीति में रुचि, श्री हकीम ब्रजलाल बर्मन से निकटता।
  • 1941- 1 वर्ष की सज़ा 100 रू. जुर्माना 3 माह के कारावास के बाद मथुरा जेल से चुनार क़िला जेल स्थानान्तरित किए गए दिसम्बर 1941 को रिहा किये गये। ग़ैर क़ानूनी हथियार रखने एवं घर पर ही देशी बम बनाने का कार्य, जेल से रिहा होने के बाद और ज़ोर शोर से शुरू कर दिया, एक दिन घर में ही बम फट गया।
  • 1942- में फिर जेल गये।

thumb|250px|left|पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ (तीन मूर्ति भवन दिल्ली)

  • 1945- प्रदेश कांग्रेस कमैटी के सदस्य एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमैटी के सदस्य चुने गये।
  • 1948- 1948 में कांग्रेस से अलग होकर बनी कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के चिन्ह पर उत्तर प्रदेश में डिस्ट्रिक बोर्ड (ज़िला परिषद) के अध्यक्ष चुनाव लड़ाए गये और वे सभी हार गये जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी श्री हकीम ब्रजलाल वर्मन से ये भी हार गये।
  • 1951- इसके बाद श्री राम मनोहर लोहिया एवं इनकी निकटता बहुत बढ़ गयी लोहिया जी का कार्यक्रम कुरसण्डा में हुआ। 101 बैलों की जोड़ी के रथ का जूलूस सादाबाद में निकाला गया जो मथुरा ज़िले के इतिहास में तब तक का सबसे बड़ा अनुशासित प्रदर्शन था।

thumb|250px|श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ (सहकारिता सम्मेलन मथुरा

  • 1952- कुरसण्डा में पंचायत घर बनवाया। श्रमदान से एक ही दिन में छ: कमरों का स्कूल बनवाया।
  • 1952- जलेसर लोक सभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चौधरी दिगम्बर सिंह 64 हज़ार से भी अधिक मतों से विजयी हुये।
  • 1953- ज़िला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हुए और पच्चीस वर्ष रहे।
  • 1955- श्रमदान से कुरसण्डा रजवाहा बनवाया।
  • 1957- मथुरा लोक सभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, राजामहेन्द्र प्रताप ने लगभग 27 हज़ार वोटों से इनको को हराया इसी चुनाव में भूतपूर्व प्रधानमन्त्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी की ज़मानत ज़ब्त हुई।

thumb|250px|चौधरी दिगम्बर सिंह जी तत्कालीन राष्ट्रपति डा॰ राजेन्द्र प्रसाद के साथ राष्ट्रपति भवन में (1953)

  • 1962- मथुरा लोक सभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर चौधरी दिगम्बर सिंह ने राजा महेन्द्र प्रताप को 27 हज़ार वोटों से हरा पुन: संसद में प्रवेश किया।
  • 1966- सहकारी किसान निवास चन्दे से बनवाया। ज़िला सहकारी बैंक, ज़िला सहकारी संघ एवं पराग डेरी के भवन बनवाए।
  • 1967- मथुरा लोक सभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय प्रत्याशी भरतपुर के गिरिराज शरण सिंह (राजा बच्चू सिंह) से हार गये।
  • 1969- आकाशवाणी मथुरा की स्थापना करवाई। चौधरी चरण सिंह के द्वारा भारतीय क्रांति दल के गठन के साथ ही इन्होंने भी कांग्रेस छोड़ भारतीय क्रांती दल में आ गये एवं सादाबाद से विधायक का चुनाव लड़ा एवं हार गये।
  • 1970- राजा बच्चू सिंह (गिरिराज शरण सिंह-राजा भरतपुर) की मृत्यु के कारण मथुरा लोक सभा सीट पर उपचुनाव हुआ इस चुनाव में इन्होंने राजा मानसिंह (राजा भरतपुर) एवं मनीराम बागड़ी को हरा चुनाव जीता। इस चुनाव में ये भारतीय क्रांती दल के उम्मीदवार रहे एवं कांग्रेस पार्टी ने भी इनको को अपना समर्थन दिया।

thumb|250px|तत्कालीन राष्ट्रपति श्री वेंकटरमन ने स्वतंत्रता सेनानी के रूप में स्वागत किया (राष्ट्रपति भवन)

  • 1970- लोक सभा में कांग्रेस ने पूर्व राजाओं के दिये जाने वाले प्रिवीपर्स को समाप्त करने के लिये सदन के पटल पर बिल पेश किया। चौधरी चरणसिंह एवं उनकी पार्टी भारतीय क्रांती दल, सदन में पूर्व राजाओं को मिलने वाले प्रिवीपर्स का समर्थन कर रहे थे किन्तु समय की आवश्यकता के देखते हुए इन्होंने ने प्रिवीपर्स के ख़िलाफ़ सदन में मतदान किया।
  • 1971- उत्तर प्रदेश में भारतीय क्रांती दल एक उम्मीदवार को छोड़ बाक़ी सभी उम्मीदवार चुनाव हार गये, जिसमें चौधरी चरणसिंह भी शामिल थे मथुरा से ये भी चुनाव हार गये।

thumb|250px|left

  • 1980- लोकदल की टिकट पर मथुरा लोक सभा क्षेत्र से सांसद का चुनाव लड़े एवं कांग्रेस प्रत्याशी को 84 हज़ार मतों के भारी अन्तर से पराजित कर सांसद बने।
  • 1983- भूमि अधिग्रहण अधिनिगम में ऐतिहासिक संशोधन करवाया। रेलवे पुल गैलरी बनवायी।
  • 1994- ब्रज भूमि विकास चॅरिटेबिल ट्रस्ट मथुरा की स्थापना
  • 10-12-1995 को मथुरा में देहावसान।
  • 11-12-1995 मथुरा में यमुना किनारे, राजकीय सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार।


thumb|400px


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख