चाँद बीबी: Difference between revisions

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*चाँदबीबी [[अहमदनगर]] के तीसरे शासक [[हु्सेन निज़ाम शाह]] की पुत्री थी, जिसका विवाह [[बीजापुर]] के पाँचवे सुल्तान [[अली आदिलशाह प्रथम|अली आदिलशाह]] (1557-80 ई.) के साथ हुआ था।  
*चाँदबीबी [[अहमदनगर]] के तीसरे शासक [[हु्सेन निज़ाम शाह]] की पुत्री थी, जिसका विवाह [[बीजापुर]] के पाँचवे सुल्तान [[अली आदिलशाह प्रथम|अली आदिलशाह]] (1557-80 ई.) के साथ हुआ था।  
*1580 ई.  में पति की मृत्यु हो जाने पर वह अपने नाबालिग बेटे [[इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय]] (बीजापुर के पाँचवे सुल्तान) की अभिभाविका बन गयी। बीजापुर का प्रशासन मंत्रियों के द्वारा चलाया जाता रहा। *1584 ई. में चाँद बीबी बीजापुर से अपनी जन्मभूमि अहमदनगर चली गयी और फिर कभी बीजापुर नहीं गयी। 1593 ई. में मुग़ल बादशाह [[अकबर]] की फौंजों ने अहमदनगर राज्य पर आक्रमण किया।  
*1580 ई.  में पति की मृत्यु हो जाने पर वह अपने नाबालिग बेटे [[इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय]] (बीजापुर के पाँचवे सुल्तान) की अभिभाविका बन गयी। बीजापुर का प्रशासन मंत्रियों के द्वारा चलाया जाता रहा।  
*1584 ई. में चाँद बीबी बीजापुर से अपनी जन्मभूमि अहमदनगर चली गयी और फिर कभी बीजापुर नहीं गयी। 1593 ई. में मुग़ल बादशाह [[अकबर]] की फौजों ने अहमदनगर राज्य पर आक्रमण किया।  
*संकट की इस घड़ी में चाँद बीबी ने अहमदनगर की सेना का नेतृत्व किया और अकबर के पुत्र [[मुराद, शाहजादा|शाहजादा मुराद]] की फौंजों से बहादुरी के साथ सफलतापूर्वक मोर्चा लिया। किन्तु सीमित साधनों के कारण अंत में चाँद बीबी को मुग़लों के हाथ [[बरार]] सुपुर्द कर उनसे संधि कर लेनी पड़ी। लेकिन इस संधि के बाद जल्दी ही लड़ाई फिर शुरू हो गई।  
*संकट की इस घड़ी में चाँद बीबी ने अहमदनगर की सेना का नेतृत्व किया और अकबर के पुत्र [[मुराद, शाहजादा|शाहजादा मुराद]] की फौंजों से बहादुरी के साथ सफलतापूर्वक मोर्चा लिया। किन्तु सीमित साधनों के कारण अंत में चाँद बीबी को मुग़लों के हाथ [[बरार]] सुपुर्द कर उनसे संधि कर लेनी पड़ी। लेकिन इस संधि के बाद जल्दी ही लड़ाई फिर शुरू हो गई।  
*चाँद बीबी की सुरक्षा व्यवस्था इतनी मज़बूत थी कि उसके जीवित रहते मुग़ल सेना अहमदनगर पर क़ब्ज़ा नहीं कर सकी। किंतु एक उग्र भीड़ ने चाँद बीबी को मार डाला और इसके बाद अहमदनगर क़िले पर मुग़लों का क़ब्ज़ा हो गया।
*चाँद बीबी की सुरक्षा व्यवस्था इतनी मज़बूत थी कि उसके जीवित रहते मुग़ल सेना अहमदनगर पर क़ब्ज़ा नहीं कर सकी। किंतु एक उग्र भीड़ ने चाँद बीबी को मार डाला और इसके बाद अहमदनगर क़िले पर मुग़लों का क़ब्ज़ा हो गया।

Revision as of 14:00, 3 July 2011

  • चाँदबीबी अहमदनगर के तीसरे शासक हु्सेन निज़ाम शाह की पुत्री थी, जिसका विवाह बीजापुर के पाँचवे सुल्तान अली आदिलशाह (1557-80 ई.) के साथ हुआ था।
  • 1580 ई. में पति की मृत्यु हो जाने पर वह अपने नाबालिग बेटे इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय (बीजापुर के पाँचवे सुल्तान) की अभिभाविका बन गयी। बीजापुर का प्रशासन मंत्रियों के द्वारा चलाया जाता रहा।
  • 1584 ई. में चाँद बीबी बीजापुर से अपनी जन्मभूमि अहमदनगर चली गयी और फिर कभी बीजापुर नहीं गयी। 1593 ई. में मुग़ल बादशाह अकबर की फौजों ने अहमदनगर राज्य पर आक्रमण किया।
  • संकट की इस घड़ी में चाँद बीबी ने अहमदनगर की सेना का नेतृत्व किया और अकबर के पुत्र शाहजादा मुराद की फौंजों से बहादुरी के साथ सफलतापूर्वक मोर्चा लिया। किन्तु सीमित साधनों के कारण अंत में चाँद बीबी को मुग़लों के हाथ बरार सुपुर्द कर उनसे संधि कर लेनी पड़ी। लेकिन इस संधि के बाद जल्दी ही लड़ाई फिर शुरू हो गई।
  • चाँद बीबी की सुरक्षा व्यवस्था इतनी मज़बूत थी कि उसके जीवित रहते मुग़ल सेना अहमदनगर पर क़ब्ज़ा नहीं कर सकी। किंतु एक उग्र भीड़ ने चाँद बीबी को मार डाला और इसके बाद अहमदनगर क़िले पर मुग़लों का क़ब्ज़ा हो गया।

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