आंध्र प्रदेश का भूगोल: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (श्रेणी:भूगोल; Adding category Category:भारत का भूगोल (को हटा दिया गया हैं।)) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
;भू-आकृति | ;भू-आकृति | ||
[[आंध्र प्रदेश]] राज्य में तीन प्रमुख भौतिक-भौगोलिक क्षेत्र हैं:- | [[आंध्र प्रदेश]] राज्य में तीन प्रमुख भौतिक-भौगोलिक क्षेत्र हैं:- | ||
Line 19: | Line 18: | ||
[[Category:आंध्र प्रदेश]] | [[Category:आंध्र प्रदेश]] | ||
[[Category:भूगोल कोश]] | [[Category:भूगोल कोश]] | ||
[[Category:भारत का भूगोल]] | [[Category:भारत का भूगोल]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 10:24, 10 August 2011
- भू-आकृति
आंध्र प्रदेश राज्य में तीन प्रमुख भौतिक-भौगोलिक क्षेत्र हैं:-
- पूर्व में तटीय मैदान, जो बंगाल की खाड़ी से लेकर पर्वतश्रेणियों तक फैला है;
- पर्वतश्रेणियाँ अर्थात पूर्वी घाट, जो तटीय मैदानों का पश्चिमी पार्श्व बनाते हैं;
- घाट के पश्चिम से पूर्व में पठार।
तटीय मैदान राज्य की लगभग पूरी लंबाई में फैले हैं, जहाँ पश्चिम से पूर्व की ओर पहाड़ियों से होकर खाड़ी में गिरने वाली अनेक नदियाँ हैं। इनमें से दो प्रमुख नदियों, गोदावरी और कृष्णा के डेल्टा मैदानों का उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी से युक्त मध्य भाग बनाते हैं। पूर्वी घाट विशाल नदी घाटियों के कारण एक सतत श्रेणी नहीं बनाते। ये घाट मध्य भारत से सुदुर दक्षिण तक फैली एक बड़ी पर्वतश्रेणी का हिस्सा हैं, जो पूर्वी तट के समानांतर हैं। यहाँ की तटीय मिट्टी बहुत सरंध्र है। इन पर्वतश्रेणियों के पश्चिम क पठार कायांतरित चट्टान से बना है°(ऐसी चट्टान, जो अत्यधिक आंतरिक ताप और दाब के कारण बनती है)। पठार की समुद्र तल से औसत ऊँचाई 487.6 मीटर है। क्षरण के कारण यह सीढ़ीदार घाटियों का क्षेत्र बन गया है, जहाँ की मिट्टी लाल व रेतीली और पहाड़ियाँ एकल हैं। यहाँ के कुछ क्षेत्रों में काली मिट्टी भी पाई जाती है।
|
|
|
|
|